कोरोना के दौरान खिचड़ी वितरण में ‘अनियमितता’ का मामला, सूरज चव्हाण EOW के समक्ष हुए पेश
मुंबई, शिव सेना (UBT) के पदाधिकारी सूरज चव्हाण मंगलवार को COVID -19 महामारी के दौरान प्रवासियों को ‘खिचड़ी’ के वितरण की प्रारंभिक जांच के सिलसिले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के सामने पेश हुए। इसकी जानकारी एक अधिकारी ने दी।
उन्होंने बताया कि पार्टी नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे के करीबी सहयोगी चव्हाण सुबह करीब 11.45 बजे दक्षिण मुंबई में पुलिस आयुक्त कार्यालय के परिसर में EOW अधिकारियों के सामने पेश हुए।
EOW, COVID-19 महामारी के दौरान प्रवासियों को चावल और दाल से बनी खिचड़ी के वितरण में कथित अनियमितताओं के संबंध में प्रारंभिक जांच (PE) कर रही है, जिसका ठेका बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) द्वारा दिया गया था।
उन्होंने कहा, EOW अधिकारी PE के संबंध में सूरज चव्हाण का बयान दर्ज करने जा रहे हैं।
पिछले महीने, प्रवर्तन निदेशालय (ED) के इनपुट के आधार पर महामारी के दौरान ठेकेदारों और आपूर्तिकर्ताओं को बीएमसी द्वारा दिए गए कार्यों से जुड़ी कथित अनियमितताओं पर EOW ने चव्हाण से छह घंटे तक पूछताछ की थी।
ED, जो लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित कथित “जंबो COVID-19 सेंटर घोटाले” की जांच कर रही है, ने चव्हाण से संबंधित परिसरों सहित 15 स्थानों पर छापेमारी की थी।
पिछले साल दर्ज हुआ था मामला
मुंबई पुलिस ने पिछले साल अगस्त में लाइफलाइन हास्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज फर्म, पाटकर और उनके तीन भागीदारों के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया था। दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए मामला दर्ज किया।
फर्जी तरीके से हासिल किए ठेके
अधिकारियों के अनुसार, चव्हाण के आवास, मुंबई नगर निकाय के कुछ अधिकारियों और आइएएस अधिकारी संजीव जयसवाल सहित अन्य के ठिकानों पर भी छापे मारे गए थे। कहा गया था कि ईडी ने छापेमारी के दौरान 2.4 करोड़ रुपये मूल्य के आभूषण एवं और 68 लाख रुपये की नकदी की थी। पाटकर और उनके तीन साझेदारों ने महामारी के दौरान कोविड-19 फील्ड अस्पतालों के प्रबंधन के लिए मुंबई नगर निकाय के ठेके फर्जी ढंग से हासिल किए।