पुलिस वालों की साप्ताहिक छुट्टी पर कमलनाथ ने घेरा, पढ़ें पूरी खबर…

मध्यप्रदेश में आज से पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने का ऐलान किया गया है। सूबे में सत्तासीन भाजपा इसे पुलिस विभाग में हित का निर्णय बताकर पुलिस कर्मियों को आगामी चुनाव से पहले खुश करने में लगी हुई है। वहीं, सरकार को निशाने पर लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार को ये कदम उठाने में 18 साल लग गए।

प्रदेश कांग्रेस चीफ कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा कि इस बात की उन्हें खुशी है कि प्रदेश के पुलिसकर्मियों को फिर से साप्ताहिक अवकाश देने की व्यवस्था शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में जनवरी 2019 में प्रदेश के पुलिसकर्मियों को यह अधिकार दिया था, लेकिन भाजपा सरकार बनते ही पुलिसकर्मियों से उनका यह अधिकार छीन लिया गया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारों की नीयत को समझना जरूरी है। एक तरफ कांग्रेस है जिसने सरकार बनते ही पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिया, दूसरी तरफ भाजपा है, जिसे 18 साल तक साप्ताहिक अवकाश की याद नहीं आई, बल्कि उसने पुलिसकर्मियों का अधिकार छीना। साप्ताहिक अवकाश बहाल करके मौजूदा सरकार पुलिसकर्मियों के साथ किए गए अन्याय का प्रायश्चित करने की कोशिश कर रही है, पर यह भाजपा की चुनावी चाल है।

सूबे में नवंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से ऐन पहले भाजपा कई ऐलान कर चुकी है। सूबे में DA केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर करना, रोजगार सहायकों का मानदेय बढ़ाना, लाड़ली बहना स्कीम और ऐसी कई योजनाओं के दम पर प्रदेश सरकार सियासी कवायद में जुटी हुई है। वहीं, विपक्ष कांग्रेस इन योजनाओं का इस आधार पर घेराव कर रही है कि चुनाव से ऐन पहले ही शिवराज सरकार को ये सब क्यों याद आ रहा है। कांग्रेस नेता हर जगह अपनी रैली में जनता से सावधान होने को भी कहते रहे हैं और इन योजनाओं को सियासी चाल बताते रहे हैं। 

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