नक्सली धमकी के बाद CRPF जवानों के परिवारों ने छोड़ा गांव, जानिए पूरा मामला
बीजापुर, छत्तीसगढ़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस्तरिया बटालियन में भर्ती होने वाले दो युवकों के परिवारों को नक्सलियों की धमकी के कारण गांव छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। जिले के कुटरू थाना क्षेत्र के दरभा गांव के कुंजाम परिवार के दो युवकों का चयन सीआरपीएफ में हुआ है। इनका फोर्स में जाना नक्सलियों को इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने दोनों परिवारों को गांव से निकल जाने का फरमान सुना दिया। इन परिवारों के 11 सदस्यों ने दंतेवाड़ा में अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ली है।
ज्ञात हो कि बस्तर में नक्सल मोर्चे पर तैनात सीआरपीएफ ने नक्सल क्षेत्रों के युवाओं की अलग बस्तरिया बटालियन का गठन किया है। इसके लिए शैक्षणिक योग्यता और कद में विशेष छूट भी दी गई है। इस बटालियन में ऐसे युवाओं को शामिल किया गया है जो क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति, बोली-भाषा, संस्कृति तथा परंपरा से अवगत हैं। नक्सलियों ने पहले ही फरमान जारी किया था कि सीआरपीएफ की बस्तरिया बटालियन में कोई भर्ती न हो। जब उन्हें पता चला कि दरभा गांव के दो युवक दंतेवाड़ा के सीआरपीएफ कैंप में प्रशिक्षण ले रहे हैं तो भड़क गए।
सोमवार को 30-35 नक्सली दरभा पहुंचे और दोनों परिवारों के एक-एक सदस्य को अपने साथ चलने को कहा। उन्हें अपने साथ इंद्रावती नदी के उस पार अबूझमाड़ के इलाके में ले गए और वहां धमकी दी कि तुरंत गांव छोड़ दें। ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी दी। एक युवक की पत्नी ने कहा कि उसे तो मालूम ही नहीं है कि उसके पति कब सीआरपीएफ में भर्ती हो गए फिर नक्सलियों को कैसे पता चल गया।
परिवार के एक सदस्य ने बताया कि खेती बाड़ी छोड़कर जाने से आजीविका की समस्या होगी, लेकिन जान बचाना जरूरी है। एएसपी चंद्रकांत गर्वना ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस गांव गई थी। परिवार के लोगों से बात की गई, लेकिन उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से इन्कार कर दिया। इधर इस घटना के बाद अंदरूनी क्षेत्रों के युवाओं के द्वारा पुलिस और सीआरपीएफ में अपनी सेवा दे रहे जवानों के मन में अपने परिवार को लेकर डर समा गया है।
बीजापुर में पुलिस से मुठभेड़ में चार नक्सली ढेर
नक्सल प्रभावित बीजापुर क्षेत्र के जंगल में मंगलवार को हुई मुठभेड़ में पुलिस ने चार नक्सलियों को मार गिराया। पुलिस ने भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया है। एएसपी चंद्रकांत ने बताया कि पुलिस को नक्सली कमांडर वेल्ला मोड़ियाम, डिवीजन इंचार्ज राहुल तेलम, गंगालूर सचिव दिनेश मोड़ियम, डीवीसीएम भास्कर समेत 40-50 नक्सलियों के जंगल में होने की सूचना मिली थी। इस पर मंगलवार को संयुक्त बल रवाना किया गया था।
यहां जंगल में घात लगाए बैठे नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली भाग गए। इसके बाद घटना स्थल का निरीक्षण करने पर खून के धब्बे और लोगों को घसीटे जाने के निशान मिले। इस आधार पर पुलिस ने तीन से चार नक्सलियों के मारे जाने की आशंका जताई है।