नवजात को 90 दिन में तीन बार आया दिल का दौरा, डॉक्टरों ने इस तरह बचाई जान

नागपुर के अस्पताल से एक अजीब मामला सामने आया है। यहां एक प्रीमैच्योर नवजात को तीन महीने के अंदर ही तीन बार दिल का दौरा पड़ा। बच्चे का इलाज नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट में चल रहा था। उसको सांस लेने में दिक्कत थी और इसी वजह से जन्म के बाद से ही अस्पताल में रखा गया था। राहत की बात है कि अब बच्चे को अस्पताल से डिसचार्ज कर दिया गया है। 

बच्चे के दोनों ही फेफड़े वायरल न्यूमोनिया से डैमेज हो गए थे। दो हफ्ते तक उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। इसी तरह एक अन्य बच्चा भी था जिसे 20 दिन तक कंटीन्युअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर मशीन पर रखा गया। उसे भी सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। एनआईसीयू में 75 दिन रहने के बाद वह भी ठीक हो गया। 

डॉक्टरों का कहना है कि समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चे या तो मां के पेट से ही संक्रमित होते हैं या फिर जन्म के बाद उनके संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। जीएमसीएच के डॉक्टरों का कहना है कि प्रीमैच्योर बेबी के केस में फेफड़ों का अल्ट्रासाउंड जरूर किया जाता है। 

डॉ. अभिषेक ने बताया, बच्चे को ज्यादा एंटीबायोटिक नहीं दी जा सकती थी। इसलिए उसे दो सप्ताह तक वेंटिलेटर पर रखा गया। इसके बाद उसका सीएमवी टेस्ट किया जाना था लेकिन यह अस्पताल में उपलब्ध नहीं था। इसके बाद पैरंट्स की सहमति से क्लैनसिक्लोवीर इंजेक्शन दिया गया। उन्होंने कहा कि सभी लोग सीएमवी टेस्ट को अफोर्ड भी नहीं कर सकते हैं। 

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