छत्तीसगढ़: कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में इतने करोड़ की संपत्तियां कुर्क
कोयला लेवी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कांग्रेस विधायकों देवेंद्र यादव, चंद्रदेव प्रसाद राय और भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी रानू साहू की 51 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क कर ली गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से साझा की गई जानकारी में यह बात सामने आई है। ईडी की यह कार्रवाई ऐसे वक्त में सामने आई है जब सूबे में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। एक दिन पहले सोमवार को आम आदमी पार्टी ने ईडी से छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाला मामले में सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को गिरफ्तार करने की मांग की थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बताया कि छत्तीसगढ़ में हुए कथित कोयला घोटाला मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, चंद्रदेव प्रसाद राय और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल (Ramgopal Agarwal) समेत अन्य लोगों की संपत्तियां जब्त की गई हैं। ईडी की टीम ने आरोपियों की अचल संपत्ति, महंगे वाहन, आभूषण और 51 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की है।
ईडी ने बताया कि आईएएस अधिकारी रानू साहू, कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी के अलावा दो अन्य व्यक्तियों आरपी सिंह और विनोद तिवारी की संपत्तियों को भी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत जब्त किया गया है। जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि सूर्यकांत तिवारी के साथ उपरोक्त व्यक्तियों के वित्तीय संबंधों के प्रत्यक्ष प्रमाण मिले हैं।
एजेंसी ने इससे पहले इस मामले में आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और राज्य सेवा की नौकरशाह सौम्या चौरसिया की संपत्ति जब्त की थी। एजेंसी ने इससे पहले कहा था कि जांच बड़े पैमाने पर घोटाले के आरोपों से संबंधित है, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों के गठजोड़ द्वारा छत्तीसगढ़ में प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये की अवैध वसूली की जा रही थी।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जांच ने शनिवार को कथित घोटाले के संबंध में कांग्रेस नेता और रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई एवं शराब कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था। अदालत के समक्ष ईडी ने दावा किया था कि एक सिंडिकेट द्वारा छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला किया गया। इस घोटाले में सूबे के उच्च स्तरीय सरकारी अधिकारी, कुछ व्यक्ति और राजनीतिक हस्तियां भी शामिल हैं। गौर करने वाली बात यह कि एक दिन पहले ही आम आदमी पार्टी ने केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी से कथित शराब घोटाला मामले में सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भूमिका की जांच करने की मांग की थी।