चार धाम यात्रा: हाईवे बंद होने से तीर्थ यात्रियों को हो सकती है परेशानियां….

उत्तराखंड चार धाम यात्रा रूट पर 25 अप्रैल से अगले चार दिन कैसे रहेगा मौसम? चार धाम यात्रा रूट पर मौसम विभाग का बड़ा अपडेट सामने आया है। एमपी, दिल्ली-एनसीआर, यूपी सहित देश-विदेश से चार धाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों से अपील है कि वह यात्रा पर जाने से पहले मौसम का अपडेट जरूर लें।
ऐसा नहीं करने पर तीर्थ यात्रियों की मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं। चार धाम यात्रा रूट पर नेशनल हाईवे बंद होने से तीर्थ यात्री जगह-जगह फंस जाते हैं। चार धाम यात्रा रूट पर अकसर बारिश के बाद भू-स्खलन या बोल्डर गिरने की वजह से यात्रा को रोक दिया जाता है। ऐसे में चिंता की बात यह रहती है कि बीच रास्ते में फंसे होने की वजह से तीर्थ यात्रियों की भूखे-प्यासे सड़क पर रात गुजरती है।
विदित हो कि केदारनाथ धाम के कपाट आज 25 अप्रैल को खोल दिए गए हैं। गंगोत्री-यमुनोत्री धामों के कपाट 22 अप्रैल को खुल गए थे। जबकि, बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। चारधाम में 28 अप्रैल तक बारिश-बर्फबारी चारधाम में अगले चार दिन मौसम खराब रहेगा।
हल्की बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विभाग ने आकाशीय बिजली गिरने और तेज हवाओं को लेकर येलो अलर्ट जारी कर एहतियात बरतने की अपील की है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 25 अप्रैल से लेकर 28 अप्रैल तक राज्य के पर्वतीय इलाकों में बारिश और बर्फबारी का अनुमान है।
27 अप्रैल को ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश से कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन 28 अप्रैल से फिर इसमें बढ़ोतरी हो सकती है। खासकर उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली में मौसम खराब रहने से चारधाम यात्रा पर असर पड़ेगा। मौसम निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया कि 3500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर हिमपात होने की संभावना है।
अगले चार दिन पहाड़ों में जहां मौसम खराब रहेगा, वहीं मैदानों में मौसफ साफ रहने की संभावना है। रविवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 30.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस कम है। ऊखीमठ, डूंडा, कर्णप्रयाग, उत्तरकाशी, घाट, तपोवन समेत गढ़वाल के कई पर्वतीय इलाकों में रविवार को बारिश दर्ज की गई।
बारिश-बर्फबारी के बाद भूस्खलन लेता तीर्थ यात्रियों की परीक्षा
उत्तराखंड चार धाम यात्रा रूट पर खराब मौसम अकसर तीर्थ यात्रियों की परीक्षा लेता है। बारिश के बाद अकसर भूस्खलन होता है। हाईवे पर बोल्डर गिरने से भी यात्रा प्रभावित होती है। ऐसे में सही समय पर धाम या फिर अपने गंतव्य पर नहीं पहुंचने पर तीर्थ यात्रियों की मुश्किलें कई गुना तक बढ़ जातीं हैं। सड़क बंद होने की वजह से देश-विदेश से उत्तराखंड पहुंचे तीर्थ यात्रियों को भूखे-प्यासे सड़क पर रात गुजारनी पड़ती है।
चार धाम यात्रा पर तीन तीर्थ यात्रियों की मौत
22 अप्रैल से खुले गंगोत्री-यमुनोत्री धामों में देश-विदेश से तीर्थ यात्री दर्शन को उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। चिंता की बात है कि पिछले तीन दिनों में तीन तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है। तीन में से दो तीर्थ यात्रियों की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है, जबकि एक तीर्थ यात्री ने गिरकर अपनी जान गवाई है। तीनों तीर्थ यात्रियों की मौत यमुनोत्री यात्रा रूट पर हुई।
बदरीनाथ हाईवे कर बार बंद हुआ
गंगोत्री-यमुनोत्री के बाद आज 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट भी खुल गए हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुलने जा रहे हैं। लेकिन, चिंता की बात है कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले बदरीनाथ हाईवे कर बार बंद हो चुका है। बदरीनाथ नेशनल हाईवे बिरही में चट्टान टूटने के कारण 22 अप्रैल शनिवार को बंद हुआ था, जिसे कड़ी मशक्कत के बाद खोल दिया गया। इसकी तरह भूस्खलन की वजह से गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे भी बारिश के बाद कई घंटों तक बंद रहा था।
मौसम साफ होने के बाद केदारनाथ जाएं यात्री
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा है कि केदारनाथ जाने से पहले यात्री मौसम की ठीक से जानकारी ले लें। मौसम साफ होने पर ही यात्रा पर आगे बढ़ें। उन्होंने हेल्थ गाइडलाइन का पालन करने की भी सलाह दी। सीएम ने कहा कि केदारनाथ में पिछले दस दिनों से बर्फबारी हो रही है और ग्लेशियर भी आ रहे हैं। इसलिए केदारनाथ की यात्रा तभी शुरू करें, जब मौसम ठीक हो।