छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधायक पर माओवादियों का हमला, बाल-बाल बची जान

बस्तर संभाग के बीजापुर शहर के बाहरी इलाके में माओवादियों द्वारा छत्तीसगढ़ कांग्रेस के विधायक विक्रम मंडावी के काफिले पर गोलीबारी करने के बाद बाल-बाल बच गए। मंडावी पर यह हमला तब हुआ जब वो एक नुक्कड़ सभा से लौट रहे ते। मंडावी का पीछा कर रहे ड्राइवर की होशियारी ने एक बड़ा हमला नाकाम कर दिया। बताया जा रहा है कि हमले के बाद ड्राइवर ने गाड़ी को एक गांव की ओर मोड़ दिया था। हालाँकि उसका एक टायर एक गोली से पंचर हो गया था और वह रिम्स पर गाड़ी चला रहा था। हालांकि, गाड़ी को आधा दर्जन गोलियां लगीं लेकिन काफिला चलते रहने के कारण माओवादी ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सके।

2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के आखिरी दिन 9 अप्रैल, 2019 को दंतेवाड़ा में भाजपा विधायक भीमा मंडावी की आईईडी से हत्या करने के बाद से बस्तर में किसी विधायक पर यह पहला माओवादी हमला है। मंडावी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अपने आंदोलन के बारे में पुलिस और प्रशासन को सूचना दे दिया है। उन्होंने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह सुरक्षा में चूक थी। मैं खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं कि मैं सुरक्षित बाहर आ गया। 

छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने हालांकि कहा कि मंडावी ने गंगालूर न जाने की पुलिस की सलाह को नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, विक्रम मंडावी को एसपी और सुरक्षा बलों ने वहां नहीं जाने के लिए कहा था, लेकिन वह बिना किसी सूचना और उचित सुरक्षा के चले गए।

यहां तक कि जब वे गंगालूर पहुंचे, तो उन्हें एक हेलिकॉप्टर से वापस जाने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। हालांकि उनकी सकुशल वापसी हो गई है। सभी सुरक्षित है. और कोई हताहत नहीं हुआ है।

गांव तरफ गाड़ी मोड़ बचाई जान

माओवादी हमले के बाद विक्रम मंडावी के ड्राइवर ने चालाकी दिखाई। हमला होने के बाद गाड़ी का एक टायर पंक्चर हो गया था। इसके बाद ड्राइवर ने गाड़ी को एक गांव की तरफ मोड़ दिया और पंक्चर गाड़ी को ही चलाता रहा। हमले में विधायक सुरक्षित हैं।

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