अग्निकांड के बाद यूपी में हर ब्लॉक में खुलेंगे फायर स्टेशन
पुलिस महानिदेश फायर सर्विसेज अविनाश चंद्र ने कहा कि प्रदेश में हर ब्लॉक पर फायर स्टेशन खोले जाने की तैयारी है। आगामी पांच वर्षों में इस लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा। प्रदेश में होने वाली आग की घटनाओं में 80 फीसदी शार्ट सर्किट के कारण होती हैं। इससे रोकने के लिए सभी को इलेक्ट्रिक सेफ्टी पर ध्यान देना चाहिए। अग्निशमन स्मृति दिवस पर हजरतगंज स्थित फायर स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में डीजी ने शहीद फायर कर्मियों को नमन करते हुए अग्नि सुरक्षा जीवन रक्षा रैली को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया।
स्मोक अलार्म से टल सकता है हादसा
आग लगने की घटनाएं मार्च से जून माह और दिसंबर से जनवरी के बीच अधिक होती हैं। त्वरित प्रतिक्रिया से हादसे की भयावहता को कम किया जा सकता है। डीजी फायर सर्विस अविनाश चंद्र ने बताया कि अग्निशमन विभाग में तैनात कर्मचारियों की कोशिश समय पर राहत कार्य प्रारंभ करने की रहती है। इसमें भी जान का जोखिम कम करने पर जोर दिया जाता है। डीजी ने कहा कि मौजूदा वक्त में एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और ओवन जैसे उपकरण घरों तक पहुंच बना चुके हैं।
लेकिन अधिकांश जगह इलेक्ट्रिक वायरिंग में सुधार नहीं हुआ है। यह बात हादसों के बाद की गई जांच में सामने आई है। रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश में हुए अग्निकाण्ड में शार्ट सर्किट ही प्रमुख वजह है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को इलेक्ट्रिक सेफ्टी के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। जिससे हादसों की संख्या में कमी लाई जा सकती है। डीजी फायर सर्विस ने लोगों से स्मोक अलार्म लगवाने की भी अपील की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 75 जिलों में ब्लॉक स्तर पर फायर स्टेशन खोलने की योजना है।
शहीदों को नमन कर शुरू हुआ अग्निशमन सुरक्षा सप्ताह
मुम्बई बंदरगाह पर 14 अप्रैल 1944 को फोर्ट स्टीफेन जहाज में आग लगने पर राहत कार्य करते हुए प्राणों की आहूति देने वाले 66 वीरों की याद में प्रतिवर्ष अग्निशमन दिवस मनाया जाता है। शुक्रवार को हजरतगंज फायर स्टेशन पर डीजी फायर सर्विस अविनाश चंद्र ने शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए याद किया। साथ ही अग्नि सुरक्षा जीवन रक्षा रैली को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया गया। 14 मार्च से 20 मार्च तक चलने वाले अग्नि सुरक्षा सप्ताह में स्कूल, कॉलेज, मॉल के साथ प्रमुख बाजारों में लोगों को आग से बचाव के तरीकों के बारे में जागरुक करने का अभियान चलाया जाएगा।
जान जोखिम में डाल कर निभाया कर्तव्य
वर्ष 2022 में हुए हादसों में दमकल कर्मियों ने1919 लोगों को बचाया है। वहीं, पांच हजार से अधिक पशुओं के जीवन की रक्षा की गई है। डीआईजी फायर सर्विस जुगल किशोर शुक्ल के मुताबिक वर्ष 2022 में करीब तीन अरब रुपये की सम्पत्ति को जलने से बचाया गया है। साथ ही करीब 91 हजार अग्नि सचेतक बनाए गए हैं। जो आपातस्थिति में दमकल कर्मियों की मदद करेंगे। इस मौके पर पुलिस कमिश्नर लखनऊ एसबी शिरडकर, डीआईजी फायर सर्विस जुगल किशोर शुक्ल और सीएफओ लखनऊ मंगेश कुमार मौजूद रहे।