छत्तीसगढ़ के मंत्री कवासी लखमा का शराबबंदी पर बड़ा बयान, कहा- बस्तर में मेरे जीवित रहते नहीं होगी शराबबंदी…

छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री और बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने एक बार फिर विवादित बयान दिया और सुर्खियों में आ गए हैं। दरअसल, कवासी लखमा ने शराबबंदी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
कवासी, 13 अप्रैल को प्रियंका गांधी के प्रवास की तैयारियों को देखने के लिए गए थे, जहां उनसे शराबबंदी को लेकर सवाल पूछा गया, जिसमें उन्होंने कहा कि उनके जीवित रहते शराबबंदी नहीं हो सकती है।
आदिवासियों की जरूरत है शराब
मंत्री कवासी लखमा शनिवार को लखमा एक स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होने के बाद लालबाग मैदान में होने वाली सभा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे, जिस दौरान मीडिया ने उनसे इन दिनों शराबबंदी को ले रहे विवाद पर सवाल किया।
इसके जवाब में उन्होंने कहा, “शराब आदिवासियों की जरूरत है। मैंने खुद गांव में खेती-बाड़ी की है, हल चलाया है और गड्ढा खोदा है। ऐसे कामों से शाम को हाथ और पैरों में बहुत दर्द होता है। जो भी मजदूर फैक्ट्रियों में काम करते हैं, दिहाड़ी मजदूरी करते हैं, उन्हें बहुत मेहनत करनी होती है। ऐसे कर्मचारी तकलीफ होने की वजह से शराब का सेवन करते हैं।”
बस्तर में 90% लोग शराब का सेवन करते हैं
मंत्री लखमा ने कहा कि बीजेपी वालों के पास मुद्दा नहीं है, इसलिए शराबबंदी के पीछे पड़े हैं, लेकिन उन्हें नहीं मालूम कि बस्तर में आदिवासियों की संस्कृति परंपरा और देवी-देवताओं के पूजा-पाठ में शराब की काफी जरूरत होती है। कवासी ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक मैं जीवित हूं बस्तर में शराबबंदी नहीं होगी। उन्होंने कहा, “विदेश में 100% लोग शराब पीते हैं और बस्तर में 90% लोग शराब का सेवन करते हैं।”
ज्यादा शराब पीने से आदमी मरता है
मंत्री कवासी लखमा ने कहा “शराब पीने से व्यक्ति नहीं मरता है, बल्कि मजबूत होता है और अगर ज्यादा शराब पी ली तभी, व्यक्ति बीमार होकर मरता है।” साथ ही, उन्होंने कहा, “बस्तर में शराबबंदी नहीं होगी लेकिन, अगर हर पंचायत शराबबंदी का फैसला लेती है तो, ही बस्तर में शराबबंदी होगी, क्योंकि बस्तर में पांचवी अनुसूची लागू है और पंचायत को निर्णय लेने का पूरा अधिकार है।”