सीएम योगी ने नेशनल क्लाइमेट कान्क्लेव 2023 का उद्घाटन कर कार्यक्रम को किया संबोधित, जानिए…

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को इंदिरा प्रतिष्ठान में नेशनल क्लाइमेट कान्क्लेव 2023 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर दोनों ने उत्तर प्रदेश राज्य की जलवायु परिवर्तन कार्ययोजना का विमोचन और उत्तर प्रदेश राज्य जलवायु परिवर्तन ज्ञान केंद्र का उद्घाटन किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की परंपरा सदैव पर्यावरण हितैषी रही है लेकिन मनुष्य ने अपने स्वार्थ में पर्यावरण के साथ जो खिलवाड़ किया, उसका दुष्प्रभाव जलवायु परिवर्तन के रूप में आज हमारे सामने है। जलवायु परिवर्तन आज की बड़ी चुनौती है।

अक्टूबर में हुई वर्षा से कई जिले प्रभावित

पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश में अक्टूबर में वर्षा हुई और प्रदेश के कई जिले बाढ़ से प्रभावित हुए। ऐसा पिछले 25 वर्षों में कभी नहीं देखा गया। यह जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में सत्ता संभालते ही उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई कार्य किए।

पिछले छह वर्षों में प्रदेश में 135 करोड़ पौधे रोपित किए गए जिसके फलस्वरूप प्रदेश में वन आच्छादन बड़ा है। इस वर्ष भी प्रदेश में जुलाई के पहले हफ्ते में एक दिन में 35 करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री के आह्वान पर प्रदेश के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में 8000 से अधिक अमृत सरोवर तैयार किए गए। राज्य सरकार ने 100 वर्ष से पुराने विरासत वृक्षों को चिन्हित करने का काम भी वर्ष 2019 में शुरू किया।

पर्यावरण के प्रति है हमारा उत्तरदायित्व

योगी ने कहा कि विकास आज की आवश्यकता है लेकिन पर्यावरण और प्रकृति के प्रति अपने उत्तरदायित्व से हम मुक्त नहीं हो सकते हैं। पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ही उत्तर प्रदेश गौ आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहा है। आज प्रदेश में 1.3 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक और प्राकृतिक खेती की जा रही है।

योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि नमामि गंगे परियोजना के सुखद परिणाम देखने को मिले हैं। गंगा में विलुप्तप्राय हो चुकी गांगेय डाल्फिन अब फिर नजर आने लगी है। डीजल और पेट्रोल चालित पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए राज्य सरकार नई नीति लेकर आई है। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार ने नई नीति लागू की है।

अपने संबोधन में केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि देश के साथ उत्तर प्रदेश में भी बाघों की संख्या बढ़ी है। भारत पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के प्रति सतर्क और सजग ही नहीं, उस दिशा में तेजी से काम कर रहा है। भारत ने मिशन लाइफ यानी पर्यावरण के प्रति अनुकूल जीवन पद्धति की वकालत की है। दुनिया की 17% आबादी भारत में रहती है लेकिन हमारा कार्बन उत्सर्जन सिर्फ 4% है।

आज भारत दुनिया में क्लाइमेट एक्शन लीडर के रूप में स्थापित हुआ है। 2015 में हुए पेरिस समझौते के बाद भारत ने फ्रांस के साथ मिलकर इंटरनेशनल सोलर एलायंस बनाया। आज दुनिया के 137 देश इसके सदस्य हैं। इंटरनेशनल सोलर एलायंस का मुख्यालय भी गुड़गांव में है।

उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने के लिए भारत ने वर्ष 2017 तक नेट जीरो का लक्ष्य रखा है। प्राकृतिक खेती और अमृत सरोवर योजना भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदम हैं। नेशनल हाइड्रोजन मिशन भी इसी दिशा में उठाया गया नया कदम है।

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