प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं सालगिरह पर तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे प्रधानमंत्री

बेंगलुरु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को मैसूर में ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के 50 साल पूरे होने के अवसर पर एक मेगा इवेंट में बाघ जनगणना के लेटेस्ट आंकड़े जारी करेंगे। इस मौके पर वह ‘अमृत काल’ के दौरान बाघ संरक्षण के लिए सरकार का विजन भी जारी करेंगे और इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस (आईबीसीए) भी लॉन्च करेंगे।

बिग कैट्स की होगी सुरक्षा और संरक्षण

IBCA दुनिया की सात प्रमुख बड़ी प्रजातियों बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता को आश्रय देने वाले देशों के साथ मिलकर काम करेगा।

फ्रंटलाइन फील्ड स्टाफ और अन्य समूहों से करेंगे मुलाकात

प्रधानमंत्री सुबह चामराजनगर जिले में बांदीपुर टाइगर रिजर्व का दौरा करेंगे और संरक्षण गतिविधियों में शामिल फ्रंटलाइन फील्ड स्टाफ और स्वयं सहायता समूहों के साथ बातचीत करेंगे। वह तमिलनाडु की सीमा से लगे चामराजनगर जिले के मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में थेप्पाकडू हाथी शिविर का भी दौरा करेंगे और हाथी शिविर के महावतों और ‘कावड़ियों’ से भी बातचीत करेंगे।

वन्य संरक्षण का किया आह्वान

वह टाइगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशकों के साथ भी बातचीत करेंगे, जिन्होंने हाल ही में संपन्न प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन अभ्यास (Management Effectiveness Evaluation Exercise) के 5वें चक्र में सबसे अधिक स्कोर किया है।

जुलाई, 2019 में, प्रधान मंत्री ने वैश्विक नेताओं के साथ गठबंधन कर “मांग को समाप्त करने” का आह्वान किया था और एशिया में अवैध शिकार और अवैध वन्यजीव व्यापार पर दृढ़ता से अंकुश लगाया था। प्रधानमंत्री के संदेश को आगे बढ़ाते हुए आईबीसीए की शुरुआत की जा रही है।

50 वर्ष पूरे होने पर जारी किया जाएगा स्मारक सिक्का

मोदी ‘प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल के स्मरणोत्सव’ कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे, जिसके दौरान वे ‘बाघ संरक्षण के लिए अमृत काल का विजन’ प्रकाशनों का विमोचन करेंगे। इसके साथ ही, टाइगर रिजर्व के प्रबंधन प्रभावी मूल्यांकन के 5वें चक्र की सारांश रिपोर्ट, बाघों की संख्या की घोषणा और सारांश जारी करेंगे।

इस अवसर पर ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के 50 वर्ष पूरे होने पर एक स्मारक सिक्का भी जारी किया जाएगा।

वन्यजीव संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखते हुए बाघ आबादी बढ़ाना

1 अप्रैल को 50 साल पूरे करने वाले ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के प्रमुख ने कहा कि भारत का लक्ष्य विकास और वन्यजीव संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखते हुए बाघ आबादी को बनाए रखना है।

अतिरिक्त वन महानिदेशक एस पी यादव ने यह भी कहा कि हालांकि, बेहतर तकनीक और सुरक्षा तंत्र के कारण बाघों का शिकार काफी हद तक कम हो गया है, लेकिन यह अभी भी बड़े कैट्स के लिए सबसे बड़ा खतरा है, इसके अलावा आवास विखंडन और गिरावट भी एक समस्या है।

भारत में 53 टाइगर रिजर्व

भारत ने बाघ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक अप्रैल, 1973 को ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ लॉन्च किया गया था। शुरुआत में, इसमें 18,278 वर्ग किमी में फैले नौ टाइगर रिजर्व शामिल थे। वर्तमान में, 75,000 वर्ग किमी से अधिक में फैले 53 टाइगर रिजर्व हैं।

भारत में लगभग 3,000 बाघ

भारत में लगभग 3,000 बाघ हैं, जो वैश्विक जंगली बाघों की आबादी का 70 प्रतिशत से अधिक है और यह संख्या प्रति वर्ष छह प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। यादव ने कहा कि ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ स्थानीय लोगों के लिए सालाना 45 लाख से अधिक मानव-रोजगार पैदा करता है। इसके अलावा, सरकार पर्यावरण-विकास समितियों और स्वयं सहायता समूहों का समर्थन कर रही है।

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