MP में लगातार चार दिनों से मिल रहे 25 से ज्यादा संक्रमित, टीका उपलब्ध नहीं
भोपाल, मध्य प्रदेश में बीते चार दिनों से कोरोना के मरीज अचानक बढ़ गए हैं। प्रतिदिन 25 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। तीसरी लहर के बाद इतने मरीज कभी नहीं मिले थे। मरीज बढ़ने की बड़ी वजह यह है कि जांच कराने वालों की संख्या अब बढ़ी है।
एक सप्ताह पहले तक जहां लगभग तीन सौ लोग प्रतिदिन जांच करा रहे थे, अब यह आंकड़ा एक हजार के ऊपर है। मरीज बढ़ने के बाद भी प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कारोनारोधी टीका उपलब्ध नहीं है। नौ फरवरी तक सिर्फ कोविशील्ड वैक्सीन उपलब्ध थी।
25 प्रतिशत को ही लगी सतर्कता डोज
कोरोना मरीज बढ़ने के बीच चिंता की बात यह है कि प्रदेश में 18 वर्ष से ऊपर के पांच करोड़ 49 लाख लोगों में से एक करोड़ 36 लाख यानी 25 प्रतिशत को ही सतर्कता डोज लगी है। इसी तरह से दोनों डोज पांच करोड़ 40 लाख लोगों को लगी हैं।
यानी नौ लाख लोगों ने (लगभग दो प्रतिशत) दूसरी डोज ही नहीं लगवाई है। ज्यादातर लोगों को दूसरी डोज लगे हुए भी एक वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को इस बात का डर है कि कोरोना वायरस का कोई नया वैरिएंट आया तो मश्किल बढ़ सकती है।
भोपाल-इंदौर में मिल रहे सबसे ज्यादा मरीज
प्रदेश में कोरोना के जितने मरीज मिल रहे हैं उनमें 80 प्रतिशत से ज्यादा इंदौर और भोपाल के हैं। सोमवार को भोपाल में 16 और इंदौर में 11, मंगलवार को भोपाल में 15, इंदौर में छह, खंडवा में तीन, नर्मदापुरम और नरसिंहपुर में एक-एक मरीज मिले हैं। प्रदेश में सक्रिय मरीज 144 हैं। अच्छी बात है कि इनमें सिर्फ दो ही अस्पताल में भर्ती हैं।
तैयारियों के आकलन के लिए 10 और 11 को होगा माकड्रिल
मरीज बढ़ने के बाद एक बार फिर तैयारियों का आकलन करने के लिए 10 और 11 अप्रैल को पूरे प्रदेश में माकड्रिल की जाएगी। इसमें बिस्तर समेत अन्य उपलब्ध संसाधनों की जानकारी भारत सरकार के पोर्टल पर दर्ज की जाएगी। आक्सीजन प्लांटों को चलाकर देखा जाएगा। प्रदेश में 11 हजार 633 आइसीयू और 24 हजार 240 आक्सीजन बेड उपलब्ध हैं।