‘मोदी सरनेम’ वाली टिप्पणी पर राहुल गांधी की बढ़ीं मुश्किलें, 23 मार्च को अदालत में होगा फैसला
राहुल गांधी के खिलाफ उनकी कथित ”मोदी सरनेम” टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में 23 मार्च को फैसला आ सकता है। गुजरात के सूरत शहर की एक अदालत कांग्रेस सांसद के बयान को लेकर आदेश पारित कर सकती है। उनके वकील किरीट पानवाला ने बताया कि जब आदेश पारित किया जाएगा तब कांग्रेस नेता खुद अदालत में मौजूद रहेंगे।
राहुल ने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी
राहुल गांधी ने एक रैली के दौरान कहा था “कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?”। उनके इस बयान के बाद भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज की थी। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि विवादास्पद टिप्पणी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली में की गई, जिसने पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया।
अदालत में मौजूद रहेंगे राहुल गांधी
राहुल के वकील ने कहा कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले शुक्रवार को दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनीं और फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की। किरीट पानवाला ने कहा कि अदालत ने आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई पूरी कर ली है और मामले को 23 मार्च को फैसले के लिए रखा है। राहुल गांधी अदालत में आदेश पारित करने के समय मौजूद रहेंगे।
तीन बार कोर्ट गए राहुल
मामले की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में मौजूद रहे थे। वह अपना बयान दर्ज कराने के लिए आखिरी बार अक्टूबर 2021 में पेश हुए और खुद को निर्दोष बताया। मानहानि के मामले में अंतिम बहस फरवरी 2023 में फिर से शुरू हुई जब गुजरात उच्च न्यायालय ने राहुल गांधी की व्यक्तिगत उपस्थिति की मांग करने वाली शिकायतकर्ता की याचिका पर मार्च 2022 में कार्यवाही पर लगाई गई अंतरिम रोक को हटा दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करनी चाहिए थी शिकायत
राहुल गांधी के वकील ने एक सुनवाई के दौरान तर्क दिया था कि कार्यवाही शुरू से ही त्रुटिपूर्ण थी क्योंकि सीआरपीसी की धारा 202 के तहत कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि राहुल गांधी के अधिकांश भाषणों में प्रधानमंत्री मोदी को लक्षित किया गया था, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में एक पीड़ित पक्ष के रूप में शिकायतकर्ता होने चाहिए थे।