धामी सरकार ने आपदा पीड़ितों को भोजन देने से किया
इनकार, पढ़ें पूरी खबर…
उत्तराखंड में आपदा पीड़ितों की मदद का अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। चिंता की बात है कि आपदा पीड़तों को अब अपने भविष्य की चिंता सता रही है। आपदा में सबकुछ गवां चुके आपदा पीड़ितों को भूख से भी लड़ना पड़ेगा। आठ माह से राहत शिविर में रह रहे आपदा प्रभावितों को भोजन देने से प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिये हैं।
शुक्रवार को प्रशासन ने भोजन व्यवस्था बंद करने के आदेश जारी किए। आदेश की सूचना मिलते ही आपदा प्रभावित आक्रोशित हो गए। उन्होंने प्रशासन पर अनदेखी के आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। शुक्रवार को जवाहर सिंह नबियाल स्टेडियम, धारचूला के राहत शिविर में रह रहे आपदा प्रभावितों के लिए शासन की ओर से की जा रही भोजन व्यवस्था बंद करने के आदेश पहुंचे।
इस आदेश से आपदा प्रभावितों के दर्द फिर हरे हो गए। आदेश से गुस्साए आपदा प्रभावितों ने शासन और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रोष जताया। इस दौरान उन्होंने बताया कि आठ माह पूर्व आयी आपदा में खोतिला व स्थानीय ग्रामीण घर समेत सब कुछ गंवा चुके हैं। आपदा में 60 परिवारों के मकान डूब गए थे। कई मकान जमींदोज हो गए थे और एक महिला की मौत भी हो गई थी।
तब से करीब 90 लोग राहत शिविर में रह रहे हैं। प्रशासन ने अब तक उनके लिए घर की व्यवस्था नहीं की। अब भोजन की व्यवस्था भी खत्म की जा रही है। पीड़ितों ने कहा कि आपदा पीड़ितों का शासन- प्रशासन ने विस्थापन तो किया नहीं अब खाना तक देने से इनकार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राहत शिविर में ऐसे सात छात्र भी हैं जिन्होंने बोर्ड परीक्षाएं देनी है।
नियमों के अनुसार आपदा के दो माह तक शासन की तरफ से भोजन की व्यवस्था की जाती है। यहां पीड़ितों के लिए सात माह से अधिक समय तक भोजन व्यवस्था को सुचारु रखा गया है। अब भोजन व्यवस्था सुचारु रखना संभव नहीं है।