महाशिवरात्रि: 30 साल बाद बन रहे बेहद दुर्लभ संयोग, इन मंत्रों का करें जाप, सभी इच्छा होगी पूर्ण
अयोध्या. हर वर्ष फागुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक इसी तिथि को भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह उत्सव मनाया जाता है. महाशिवरात्रि के दिन शिवभक्त पूरी श्रद्धा के साथ महाशिवरात्रि का व्रत रखकर विधि-विधान पूर्वक भोले शंकर और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस वर्ष महाशिवरात्रि पर कई बेहद दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. ज्योतिषियों की मानें तो 30 साल बाद इस बार महाशिवरात्रि पर कई संयोग बन रहे हैं. इस दिन शिव मंदिर में पूजा-अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि इस बार महाशिवरात्रि एक दिव्य और दुर्लभ संयोग के साथ 18 फरवरी शुभ दिन शनिवार को पड़ रही है. वहीं, महाशिवरात्रि के दिन कुंभ राशि में शनि देव अस्त रहेंगे. इस महाशिवरात्रि के कालखंड में शनि और सूर्य अर्थात पिता और पुत्र उस दिन संयुक्त मिल रहे हैं. इसके अलावा, शुक्र भी अपनी भाव में उच्च राशि में स्थित रहेंगे. इसके अलावा प्रदोष काल भी है. इस वजह से महाशिवरात्रि का महापर्व 18 फरवरी, 2023 को रात आठ बजे प्रारंभ होगी जो 19 फरवरी को शाम 4:20 बजे तक रहेगी.
यह महाशिवरात्रि भगवान भोलेनाथ की उपासना करने वाले लोगों के लिए है, जो परम कल्याणकारी और शुभकारी है.
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन सच्चे मन से भगवान शंकर की उपासना करें. बेलपत्र पर राम नाम लिखकर प्रतिष्ठित शिवालय पर अर्पित करें. इसके साथ, भगवान शिव के मंत्रों का भी जप करें.
इन मंत्रों का करें जप
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!
ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
महादेव की कृपा पाने के लिए इन मंत्रों का करें जाप
ॐ नमः शिवाय
ऐसे करें महाशिवरात्रि पूजा
महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान कर अपने नजदीकी शिवालय में जाकर भगवान भोले शंकर को जल अर्पित करें. बेलपत्र, भांग और धतूर चढ़ाएं. महाशिवरात्रि के व्रत में मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, ऊपर से बेल पत्र, आक-धतूरे के फूल चावल आदि डालकर शिवलिंग पर चढ़ाएं. अगर आप मंदिर में नहीं जा पा रहे हैं तो अपने घर पर मिट्टी से भगवान शंकर का पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजन करें और उस पर जल अर्पित करें.