महाविकास अघाड़ी पार्टी ने भाजपा को दिया झटका, फडणवीस-गडकरी के गढ़ जीत की दर्ज
महाराष्ट्र में शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के द्विवार्षिक एमएलसी चुनावों में सत्तारूढ़ बालासाहेबंची शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (बीएसएस-बीजेपी) और एक भाजपा समर्थित निर्दलीय ने एक-एक सीट जीती, जबकि वहीं विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने दो सीटों पर जीत दर्ज की।
भाजपा की झोली में आई एक सीट
भाजपा ने दावा किया था कि पांचों सीट पर उनके प्रत्याशी होंगे लेकिन उन्हें केवल कोकण सीट के साथ संतोष करना पड़ा। नासिक निर्वाचन क्षेत्र भाजपा समर्थित निर्दलीय सत्यजीत तांबे के पास गया है, लेकिन उनके भी कांग्रेस में शामिल होने के उम्मीद दिख रहे हैं जिसके कारण चुनाव की शाम उनके खिलाफ कार्रवाई हुई थी।
“शिक्षित तथा बौद्धिक वर्ग के बीच भी अपना स्टैंड खो दिया”
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने नागपुर की जीत पर कहा, “एमवीए ने आरएसएस के जन्मस्थान में भाजपा को एक झटका दिया है।” कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढ़े कहा कि तथ्य यह है कि बीजेपी ने 4 सीटों को खो दिया है और शिक्षित तथा बौद्धिक वर्ग के बीच भी अपना स्टैंड खो दिया है जो इन चुनावों में मतदाता थे।
जनता हो रही भाजपा से दूर
लोंढ़े ने कहा, “बीजेपी ने 4 सीट खो दिए हैं, जे यह दर्शाता है कि पार्टी साक्षर और प्रबुद्ध आबादी के बीच अपना आकर्षण नहीं बना पाई है। यह राज्य के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण विकास है।” उन्होंने कहा, “तीन साल में यह तीसरी बार है जब एमवीए ने भाजपा को उसके मैदान पर हराया है जिसमें आरएसएस मुख्यालय, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता शामिल हैं। इससे पहले, एमवीए ने नागपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र और फिर जिला परिषद चुनावों में जीत हासिल की थी, जो दर्शाता है कि जनता खुद को भाजपा से दूर कर रही है।”
भारतीय जनता पार्टी के ज्ञानेश्वर म्हात्रे को कोकण मंडल शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विजयी घोषित किया गया। नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी सत्यजीत तांबे विजयी रहे, उन्होंने एमवीए समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार शुभांगी पाटिल को हराया गया। वहीं, नागपुर मंडल शिक्षक सीट पर बीजेपी समर्थित उम्मीदवार को विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के हाथों हार का सामना करना पड़ा।