CBI ने लोन फ्रॉड केस में वीडियोकॉन के फाउंडर धूत को किया गिरफ्तार
दिल्ली: सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने सोमवार को वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया। ICICI बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में ये गिरफ्तारी हुई है। इससे पहले एजेंसी ने शुक्रवार को ICICI बैंक की पूर्व CEO और MD चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को अरेस्ट किया था। इसके बाद उन्हें मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने 3 दिन (24 से 26 दिसंबर) की कस्टडी में भेज दिया था।
आरोप है कि जब चंदा कोचर ने देश के बड़े प्राइवेट बैंकों में से एक ICICI बैंक की कमान संभाली तो वीडियोकॉन की विभिन्न कंपनियों को नियमों को ताक पर रखकर कुछ लोन स्वीकृत किए। 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों के 6 अकाउंट के मौजूदा बकाया को डोमेस्टिक डेब्ट रिफाइनेंसिंग के तहत स्वीकृत 1,730 करोड़ रुपए के लोन में एडजस्ट किया था।
वहीं CBI ने ये भी बताया था कि 2012 में दिए गए 3250 करोड़ के लोन में से 2810 करोड़ रुपए (लगभग 86%) नहीं चुकाए। वीडियोकॉन और उसकी ग्रुप कंपनियों के अकाउंट को जून 2017 में NPA घोषित कर दिया गया था। NPA घोषित होने से बैंक को घाटा हुआ। चंदा कोचर के वकील ने शनिवार को कोर्ट में कहा था कि चंदा ऐसी किसी भी कंपनी में डायरेक्टर या स्टेकहोल्डर नहीं थीं, जिसे लोन दिए गए थे। यह बयान ED को स्वीकार्य था और ED ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। लेकिन CBI इस बयान से संतुष्ट नहीं हुई और गिरफ्तारी की गई। वकील ने कहा था कि इन लोन्स के लाभार्थी वीएन धूत हैं। उन्होंने सवाल किया, ‘अगर CBI को लगता है कि फ्रॉड हुआ तो कोचर को ही क्यों गिरफ्तार किया गया लाभार्थी को क्यों नहीं।’