खुला नया राज! हिंद महासागर से गुजरा था चीन का जासूसी जहाज, कुछ ही घंटों में बड़े सैन्य अभ्यास की तैयारी में भारत
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर भारत पूरी तरह से तैयार नजर आ रहा है। इसलिए सिलीगुड़ी में एस400 एयर डिफेंस सिस्टम को अलर्ट पर रखा गया है। यही नहीं भारत ने अग्रिम मोर्च पर एल 70 एयर डिफेंस गन भी तैनात कर दिए हैं। दरअसल, एल70 गन दुश्मन के किसी भी मंसूबे पर पानी फेरने की ताकत रखती है। तवांग में झड़प के बाद फ्रंटलाइन पर एल 70 की तैनाती की गई है। ये ड्रोन अटैक को नाकाम करने में माहिर है। ग्राउंड जीरो पर एल70 को अलर्ट मोड पर रखा गया है। इसके अलावा जानकारी के मुताबिक, 15 और 16 दिसंबर को चीनी सीमा के पास एक युद्धाभ्यास होगा। वायुसेना का ये युद्धाभ्यास जिन चार एयरबेस पर होगा, उनमें तेजपुर, चाबुआ, जोरहट और हाशिमारा शामिल है।
हिंद महासागर क्षेत्र से गुजरा था चीन का जासूसी जहाज
हिंद महासागर में चीन की जासूसी को लेकर नया खुलासा हुआ है। दावा है कि कुछ दिन पहले ही हिंद महासागर से चीन का जासूसी जहाज गुजरा था। चीन का जासूसी जहाज युआन वांग 5 हिंद महासागर से होकर गुजरा था। चीनी जाहज की भारतीय नौसेना निगरानी कर रही थी और उस पर पैनी नजर रखी हुई थी। भारतीय नौसेना सूत्रों की मानें तो चीन का जासूसी जहाज 6 दिसंबर को हिंद महासागर में दाखिल हुआ था। युआन वांग 5 पर ड्रोन और समुद्री गश्ती विमान से नजर रखी जा रही थी। जिसके बाद भारतीय नौसेना ने चीन के युआन वांग 5 को हिंद महासागर से बाहर खदेड़ दिया। ये जहाज पहले भी दोनों देशों के बीच विवाद की वजह बन चुका है। श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर इसी जहाज की वजह से विवाद हुआ था।
फ्रंट लाइन में एल70 गन की तैनाती
एल70 गन से जमीन और हवा दोनों जगह से फायर किया जा सकता है। ये एंटी एयरक्रॉफ्ट का नया वर्जन है। मल्टी पर्पस यूटीलिटी वाहन पर इसे लोड किया जा सकता है। साथ ही बड़ी आसानी से इसे लोड गन से दागा भी जा सकता है। ये ड्रोन अटैक को भी नाकाम करने में माहिर है। एल70 एयरक्रॉफ्ट गन सभी तरह के मानव रहित वाहनों, मानव रहित जंगी विमानों, हेलीकॉप्टर और आधुनिक विमानों को निशाना बना सकती है। एल70 एयरक्रॉफ्ट गन को एलएसी पर कुछ महीने पहले ही तैनात किया गया था। इसे तैनात करने के पीछे सेना का मकसद पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बाद चीन के आक्रामक रूख के मद्देनजर भारतीय सेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाना है।
भारत के खिलाफ चीनी तैयारी सैटेलाइट कैमरे में कैद
एलएसी पर भारत के खिलाफ चीन की बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष के साथ अरुणाचल प्रदेश में तनाव बढ़ने के कारण, डोकलाम क्षेत्र में एक असहज निर्माण हुआ है। भारत-तिब्बत-भूटान ट्राई-जंक्शन में डोकलाम फेसऑफ़ ने दोनों पक्षों की ओर से ताकत का प्रदर्शन किया। चीनी अभी भी भूटान में उस क्षेत्र पर कब्जा कर रहे हैं जो भारत को पसंद नहीं है। खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, चीन ने सीमाओं के पार बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है, भारी हथियारों को स्टोर करने के लिए सुरंगों का निर्माण किया है और सीमाओं के पास अपनी ताकत दोगुनी कर दी है। हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि भारतीय सेना भी अपने बुनियादी ढांचे को बढ़ा रही है और अपनी तैनाती को आगे बढ़ा रही है। दोनों पक्षों के साथ कुछ ही मीटर की दूरी पर और भारत चीन के नए निर्माणों के बारे में चिंतित है, जिसमें एक पुल भी शामिल है, तनाव उबल रहा है और एक और गतिरोध पैदा कर सकता है। सूत्रों का कहना है कि भारत चीनी निर्माण पर नजर रख रहा है और अगर यह महसूस होता है कि भारत की संप्रभुता से समझौता किया जा रहा है, तो कार्रवाई शुरू की जाएगी।