नकारात्मक ही नहीं ये शुभ परिणाम भी देंगे शनि
माघ कृष्ण पक्ष दशमी तिथि 17 जनवरी 2023 दिन मंगलवार की रात में 4 बजकर 30 मिनट पर शनि देव धनिष्ठा नक्षत्र के द्वितीय चरण से धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण में अर्थात अपनी पहली राशि मकर को छोड़ कर अपनी दूसरी राशि कुम्भ में प्रवेश करेंगे । लगभग ढाई वर्षो तक मार्गी और वक्री गति से संचरण करते हुए चराचर जगत पर अपना प्रभाव स्थापित करेंगे। शनि देव शुभ अथवा अशुभ फल का निर्धारण व्यक्ति की जन्म कुंडली में स्थिति के आधार पर करते हैं। साथ ही साथ व्यक्ति के वर्तमान कर्म के आधार पर भी शुभ और अशुभ फलो को निर्धारित करते हैं।
शनिदेव अपनी स्वराशि कुंभ में रह कर कर्म फल प्रदायक के रूप में कार्य करेंगे। स्पष्ट है यदि जन्म कुंडली में स्थिति ठीक नहीं है और वर्तमान कर्म भी खराब है तो शनि देव निश्चित तौर पर जीवन में सुधार के निमित्त अवरोध अथवा तनाव ज्यादा देंगे । अतः शनि देव के शुभ फलों में वृद्धि की इच्छा है तो वर्तमान कर्म को सुचार रूप से संपादित किया जाना चाहिए। अपने से अधीनस्थों के साथ गलत या तनाव पूर्वक कोई कार्य नहीं किया जाना चाहिए । छल से कमाया हुआ धन। गलत कार्यों से उपार्जित उपलब्धि तनाव में वृद्धि कर सकता है। क्योंकि शनि देव न्यायाधीश हैं इसलिए परिणाम भी आपके कर्म के आधार पर ही निर्धारित करेंगे। इस को ध्यान में रखते हुए ईमानदारी से खूब परिश्रम करें तो परिणाम अवश्य ही शुभ ही प्रदान करेंगे। वृशनिदेव श्चिक वालों के लिए ढैय्या के प्रभाव से तनाव भी उत्पन्न करेंगे । यहां हम वृश्चिक लग्न अथवा राशि वालों पर किस प्रकार का प्रभाव शनिदेव स्थापित करने जा रहे हैं इसकी चर्चा करेंगे।