महाकुंभ के दौरान हुए कोरोना घोटाले पर अब सीएमओ सहित स्वास्थ्य अधिकारियों पर भी जांच
देहरादून,: हरिद्वार महाकुंभ के दौरान हुए कोरोना जांच फर्जीवाड़े में अब तत्कालीन सीएमओ डॉ एसके झा और अन्य कई अन्य अफसरों की भूमिका की जांच कराई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने इस संदर्भ में कमेटी गठित कर जांच करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कोविड जांच के नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया गया था।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने एक ऐसी कंपनी को कोविड जांच का काम दे दिया जिसके पास अपनी कोई लैब नहीं थी। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने इस मामले का खुलासा किया तो सरकार ने जांच कराई। उसमें घपले की पुष्टि होने पर पुलिस से भी जांच कराई गई। पुलिस की जांच में दोषी पाए गए कंपनी के अधिकारियों पर कार्रवाई कर उन्हें जेल भेज दिया गया।
जबकि स्वास्थ्य विभाग में मेलाधिकारी डॉ एएस सेंगर को निलम्बित कर दिया गया। मई 2021 के बाद से डॉ सेंगर अभी तक निलम्बित चल रहे हैं। इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में एक और जांच कराई थी जिसमें जांच समिति ने पाया कि इस मामले में तत्कालीन सीएमओ के साथ ही कार्यालय के अन्य लोगों की भी जांच की जरूरत बताई। इसके बाद अब इस संदर्भ में प्रस्ताव तैयार किया है।
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मेलाधिकारी स्वास्थ्य हो सकते हैं बहाल हरिद्वार महाकुंभ के दौरान मेलाधिकारी स्वास्थ्य बनाए गए डॉ एएस सेंगर को सरकार जल्द बहाल कर सकती है। इसकी वजह यह है कि विभागीय और पुलिस की जांच में उनका फर्जीवाड़े में सीधा कोई आपराधिक जुड़ाव साबित नहीं हुआ है।
इसके साथ ही उन्हें निलम्बित हुए एक साल से अधिक समय हो गया है। जबकि नियमों के तहत निलम्बन छह महीने का ही होता है। स्वास्थ्य विभाग की जांच में भी मेलाधिकारी का कोई दोष नहीं पाया गया है। ऐसे में अब महानिदेशालय ने उनकी बहाली का प्रस्ताव भी तैयार कर दिया है। जिस पर अब सरकार को निर्णय लेना है।