पकड़े गए सामग्री को सरकारी राशन साबित करने में पुलिस को छूट रहे है पसीने
नामजद व्यापारियों ने कैबिनेट मंत्री से निष्पक्ष जांच की लगाई गुहार।
भरुआ सुमेरपुर। कस्बे की उद्योग नगरी में पकड़े गए गेहूं चावल को सरकारी राशन सामग्री साबित करने के लिए विवेचना में पुलिस को पसीने छूट रहे हैं। अभी तक पुलिस को कुछ भी ऐसा हाथ नहीं लगा है। जिससे यह साबित किया जा सके कि पकड़ी गई सामग्री सरकारी है। पुलिस ने पूछताछ के लिए बांदा जनपद गौरी कला निवासी एक व्यक्ति को पांच दिन से हिरासत में रखा है। लेकिन उससे भी कुछ खास हाथ नहीं लग सका है। उधर मुकदमे में नामजद व्यापारियों ने कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल नंदी गुप्ता से मिलकर इस कार्यवाही को साजिश बताते हुए सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
गत 16 सितंबर को एसडीएम सदर एवं सीओ सदर ने देर रात उद्योग नगरी में छापा मारकर गुप्ता उद्योग मिल से बाहर जा रहे भारी मात्रा में गेहूं चावल पकड़ा था। अधिकारियों का तर्क है कि यह सामग्री गरीबों को वितरण के लिए भेजी गई सरकारी राशन सामग्री है। गत 19 सितंबर को पूर्ति निरीक्षक की तहरीर पर कस्बे गल्ला व्यापारी सोनू गुप्ता, उमाकांत उर्फ बाबा गुप्ता उनके पार्टनर दुर्गेश शिवहरे तथा सोनू के छोटे भाई प्रांशु गुप्ता एवं गुड्डू को नामजद करके कूट रचित ढंग से सरकारी राशन की कालाबाजारी का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें गेहूं चावल के साथ सरकारी वितरण हेतु आने वाले चना एवं नमक की एक-एक बोरी को बरामद दिखाया है। मुकदमे के बाद विवेचना पुलिस कर रही है पुलिस के समक्ष अब इस बात की चुनौती है कि वह पकड़े गए गेहूं चावल को सरकारी सामग्री कैसे साबित करें। क्योंकि इसके कोई ठोस सबूत नहीं मिल रह रहे है। सबूत जुटाने के लिए पुलिस गल्ला आढती के करीबियों को पकड़कर पूछताछ कर रही है। जिससे पिछले पांच दिन से पुलिस ने बांदा जनपद के जसपुरा थानाक्षेत्र के एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर थाने में बैठा रखा है। लेकिन पूछताछ में कुछ नहीं हासिल कर सकी है।
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इसी बीच मुकदमे में नामजद गल्ला आढती सोनू गुप्ता एवं उमाकांत उर्फ बाबा गुप्ता ने कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल उर्फ नंदी गुप्ता से मिलकर छापेमारी को विरोधियों की साजिश बताते हुए अवगत कराया कि उनके पास गेहूं,चावल, दलहन,तिलहन का कारोबार करने की पांच-पांच फर्में है। पूरा परिवार गल्ला कारोबारी है। सभी लोग जीएसटी भर रहे हैं। प्रशासन ने विरोधियों से मिलकर अनुचित ढंग से कार्यवाही की है। दोनों आढ़तियों ने मंत्री से निष्पक्ष जांच के साथ सीबीआई जांच कराने की मांग रखी है। पुलिस अभी तक इस मुकदमे में दो लोग प्रांशु गुप्ता एवं गुड्डू को जेल भेज चुकी है। जबकि असली कारोबारी सोनू गुप्ता, उमाकांत उर्फ बाबा गुप्ता व दुर्गेश शिवहरे पुलिस की पकड़ से दूर हैं।