मौत के बाद पत्नी, बेटी और दामाद को न मिले अंतिम संस्कार का हक,56 साल के शख्स ने दायर की याचिका
दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर एक व्यक्ति ने मांग की है कि उसके परिवार को उसके निधन के बाद उसका अंतिम संस्कार करने से रोका जाए. दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल करने वाला व्यक्ति 56 साल का है और हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित है. याचिका दाखिल करने वाला व्यक्ति चाहता है कि उसका शरीर उस व्यक्ति को सौंप दिया जाए जिसे वह पुत्र के रूप में मानता है.
कोर्ट में दाखिल अर्जी में याचिकाकर्ता ने डेड बॉडी के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के खंड 7.1 को चुनौती दी, जिसे दिल्ली सरकार द्वारा तैयार किया गया था. जिसके अनुसार किसी व्यक्ति का शव केवल रिश्तेदारों को ही दिया जा सकता है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मांग की है कि उसकी पत्नी, बेटी और दामाद को उसके शरीर पर दावा करने और उसका अंतिम संस्कार करने से रोका जाए.
याचिकाकर्ता ने कहा कि उनकी पत्नी ने उन्हें कभी भी अपनी बेटी के लालन-पालन में शामिल होने की अनुमति नहीं दी और उन्हें अपनी बेटी की शादी में भी आमंत्रित नहीं किया गया. दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है. दिल्ली हाई कोर्ट 14 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा.