पहले जहां गोलियों की आवाज़ सुनाई देती थी, आज वहां तालियां गूंज रही हैं: पीएम मोदी

दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम दौरे पर दिफू पहुंचे जहां उन्होंने शांति-एकता और विकास रैली को संबोधित किया.

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार, जहां भी हो वहां ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की भावना से काम करती है. असम की स्थाई शांति और तेज़ विकास के लिए जो समझौता हुआ था, उसको ज़मीन पर उतारने का काम तेज़ी से चल रहा है.

पीएम मोदी ने कहा, “2014 के बाद से नॉर्थ ईस्ट में मुश्किलें कम हो रही हैं, लोगों का विकास हो रहा है. आज जब कोई असम के जनजातीय क्षेत्रों में आता है, नॉर्थ ईस्ट के दूसरे राज्यों में जाता है तो हालात को बदलता देखकर उसे भी अच्छा लगता है.”

त्रिपुरा का ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि असम के अलावा त्रिपुरा में भी NLFT ने शांति के पथ पर क़दम बढ़ाए. उन्होंने कहा कि क़रीब ढाई दशक से ब्रू-रियांग से जुड़ी समस्या को भी हल किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”जिस जगह पहले गोलियों की आवाज़ें, बम के धमाके सुनायी देते थे वहां आज लोगों के जयकार और तालियों की गूंज सुनायी देने लगी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आफ़्स्पा के संदर्भ में कहा कि ”लंबे समय तक आर्म्ड फ़ोर्सेज़ स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) नॉर्थ ईस्ट के अनेक राज्यों में रहा है, लेकिन बीते आठ सालों के दौरान स्थाई शांति और बेहतर क़ानून व्यवस्था लागू होने के कारण हमने AFSPA को नॉर्थ ईस्ट के कई क्षेत्रों से हटा दिया है.”

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ”सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ आज सीमा से जुड़े मामलों का समाधान खोजा जा रहा है. असम और मेघालय के बीच बनी सहमति दूसरे मामलों में भी प्रोत्साहित करेगी. इससे इस पूरे क्षेत्र के विकास की आकांक्षाओं को बल मिलेगा.”

पीएम मोदी ने असम के लोगों का उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद किया और कहा कि जो भरोसा उन्होंने उनके प्रति दिखाया है, वह उसे ब्याज समेत वापस लौटाएंगे.

उन्होंने कहा कि ”आज़ादी के इस अमृतकाल में अब यहां से हमें पीछे मुड़कर नहीं देखना है आने वाले कुछ वर्षों में हमें मिलकर उस विकास की भरपाई करनी है, जो बीते दशकों में हम नहीं कर पाए.”

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