लखीमपुर कांड के पीड़ितों के परिजनों से मिले CJI

देश के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने लखीमपुर खीरी के पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की है। इस बात का दावा एक मीडिया हाउस ने अपने ट्वीट में किया था।

लेकिन दावा गलत पाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस ट्वीट को लेकर नाराजगी जाहिर की है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो मीडिया और उनकी आजादी का सम्मान करती है लेकिन यह पूरी तरह निष्पक्ष नहीं है। 

लखीमपुर खीरी से ही जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान देश की सबसे बड़ी अदालत ने इस ट्वीट को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण कहा और साथ ही साथ यह भी कहा कि मीडिया को तथ्यों की जांच-पड़ताल करनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि, हमें ऐसा लगता है कि कुछ लोग बोलने की आजादी की हद पार कर रहे हैं। उन्हें तथ्यों की जांच-पड़ताल करनी चाहिए।

यह पूरी तरह से गलत दिखाया जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस सूर्यकांत और हिमा कोहली की एक संयुक्त बेंच ने अपनी टिप्पणी में यह बात कही। 

अदालत में यह मामला उस वक्त उठा जब एक वकील ने बेंच को बताया कि गुरुवार को एक मीडिया संगठन ने ट्वीट कर कहा कि सीजेआई ने लखीमपुर खीरी कांड के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की है।

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अदालत में पेश वरिष्ठ वकील हरीष साल्वे ने कहा, ‘हम सभी को इस तरह की गैरजिम्मेदाराना ट्वीट मिलते हैं। मैंने अपने बारे में भी कुछ ऐसे ट्वीट देखे हैं।’

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