दोषियों की गिरफ्तारी के बाद ही करेंगे शवों का अंतिम संस्‍कार : किसान

लखीमपुर हिंसा के लिए केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को जिम्‍मेदार ठहराते हुए किसानों ने आरोपित की गिरफ्तारी होने तक शवों का अंतिम संस्‍कार न करने का ऐलान किया है।

गौरतलब है कि इस मामले में मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्‍या, आपराधिक साजिश और बलवा सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

लखीमपुर के तिकुनिया थाने में उनके खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश, दुर्घटना और बलवा की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।

यह एफआईआर बहराइच नानपारा के जगजीत सिंह की तहरीर पर दर्ज की गई है। बेटे पर लगे आरोपों को लेकर मंत्री अजय मिश्रा ने सफाई दी है कि किसानों के बीच छुपे हुए कुछ उपद्रवी तत्वों ने उनकी (भाजपा कार्यकर्ताओं) गाड़ियों पर पथराव किया, लाठी-डंडे से वार करने शुरू किए।

फिर उन्हें खींचकर लाठी-डंडों और तलवारों से मारापीटा, इसके वीडियो भी हमारे पास हैं। उन्होंने गाड़ियों को सड़क से नीचे खाई में धक्का दिया।

उन्होंने गाड़ियों में आग लगाई, तोड़फोड़ की। मेरा बेटा कार्यक्रम खत्म होने तक वहीं(कार्यक्रम स्थल) था, उन्होंने जिस तरह से  घटनाएं की हैं अगर मेरा बेटा वहां(घटनास्थल पर) होता तो वो उसकी भी पीटकर हत्या कर देते।

गौरतलब है कि लखीमपुर में रविवार को दो मंत्रियों के दौरे को लेकर भड़की हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इनमें चार किसान हैं।

इस मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। आपको बता दें कि देर रात कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौके पर पहुंचीं। पुलिस ने बाद में उन्हें हिरासत में ले लिया। ]

किसान संघ के एक नेता डॉ दर्शन पाल ने कहा, ‘किसानों ने मंत्रियों के आगमन को रोकने के लिए हेलीपैड का घेराव करने की योजना बनाई थी।

एक बार यह समाप्त हो गया और अधिकांश लोग वापस जा रहे थे। इस बीच तीन कारें आईं और किसानों को कुचल दिया। एक किसान की मौके पर ही मौत हो गई। मंत्री का बेटा कार में था।’ 

किसान संघों ने कहा कि कार की चपेट में आने से चार किसानों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं में से एक तेजिंदर एस विरक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने अपनी सफाई में कहा कि वह सुबह नौ बजे से कार्यक्रम खत्‍म होने तक बनवारीपुर में ही थे।

उन्‍होंने अपने ऊपर लग रहे आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। साथ ही इस मामले की न्‍यायिक जांच कराने की मांग की। आशीष मिश्रा ने कहा कि मामले में दोषियों को सजा जरूर मिलनी चाहिए। 

उन्‍होंने कहा कि उनके तीन वाहन डिप्‍टी सीएम को रिसीव करने गए थे। उन्‍हें दंगल के कार्यक्रम में बतौर मुख्‍य अतिथि शिरकत करनी थी।

रास्‍ते में वाहनों पर कुछ अराजक तत्‍वों ने जमकर पत्‍थर चलाए। इसके बाद गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। तीन से चार कार्यकर्ताओं को पीट-पीटकर मार डाला गया। 

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