जसप्रीत सिंह गिरफ्तार, मनिंदर के साथ खड़ा दिखा था आरोपी

गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के स्वरूप नगर के रहने वाले एक 29 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान जसप्रीत सिंह उर्फ सनी निवासी मकान संख्या जे-202, स्वरूप नगर, दिल्ली के रूप में हुई है।

वह हिंसा के दौरान लाल किले की प्राचीर के दोनों गुंबदों पर चढ़ गया था। पुलिस ने बताया कि उसे वहां आपत्तिजनक इशारे करते हुए देखा गया था। जसप्रीत सिंह वह वह व्यक्ति है, जो लाल किले पर दोनों हाथ से तलवारबाजी करने वाले आरोपी मनिंदर सिंह उर्फ मोनी के पीछे खड़ा था।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले में मोस्ट वांटेड मनिंदर सिंह को 16 फरवरी को पीतमपुर से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने मनिंदर के स्वरूप नगर स्थित घर से दो तलवारें भी बरामद कर ली थीं। मनिंदर 26 जनवरी को बाइक पर अपने 5 साथियों के साथ ट्रैक्टर रैली में शामिल होने के लिए निकला था।

अपने साथियों के साथ ट्रैक्टर रैली में शामिल होने के बाद लाल किले में घुसा और वहां तलवार लहराते हुए डांस किया। साथ ही इसने दूसरे प्रदर्शनकारियों को भी उकसाया। आरोपी स्वरूप नगर इलाके में एक खाली प्लॉट पर तलवारबाजी की ट्रेनिंग भी दे रहा था।

गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली पुलिस ने लाल किला हिंसा मामले में दीप सिद्धू और इकबाल सिंह को गिरफ्तार किया था। सिद्धू पर लोगों को उकसा कर हिंसा भड़काने आरोप है। हिंसा के दौरान, प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने लाल किले में प्रवेश किया और सिख धार्मिक ध्वज फहराया। सिद्धू घटना के बाद फरार हो गया था।

वहीं, इकबाल 26 जनवरी को लाल किले से फेसबुक लाइव कर रहा था और लोगों को कह रहा था कि टॉप जाओ बब्बर शेरों। उस पर भीड़ को उकसाकर लाल किले पर झंडा फरहरवाने का आरोप है। दिल्ली पुलिस ने दीप सिद्ध पर 1 लाख और इकबाल सिंह पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा था।

किसान आंदोलन के सिलसिले में जांच के दौरान 152 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस ने इस हिंसा के लिए राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, राजिंदर सिंह, मेधा पाटकर, बूटा सिंह, दर्शन पाल और बलबीर सिंह राजेवाल समेत 37 किसान नेताओं के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है।

बता दें कि केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान यूनियनों की ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों की पुलिस के साथ झड़पें हो गई थीं। प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर लेकर लाल किले तक पहुंच गए थे।

इस दौरान उन्होंने लाल किले की गुंबद और प्राचीर के ध्वज स्तंभ पर धार्मिक झंडा लगा दिया था। इस हिंसा में 500 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए थे और प्रदर्शनकारी की मौत भी हो गई थी।

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