आधार कार्ड के एप्लीकेशन का कमाल, सालों से बिछड़े 16 लोगों को परिवार से मिलाया

दिल्ली. देश के नागरिकों की सबसे बड़ी पहचान आधार के कई कमाल पहले से ही दिख रहे हैं. एक तरफ आधार के कारण सरकारी योजनाओं में फर्जी कारनामों पर अंकुश लगा है तो दूसरी तरफ यह बिछड़े, लापता लोगों को उनके परिवार से मिलाने भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है. नागपुर में आधार कार्ड के एप्लीकेशन के कारण 16 लापता लोगों को उनके परिवार से मिलाया गया है जबकि नागपुर स्थित केंद्र 16 अन्य लोगों को उनके परिवारों से मिलाने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक नागपुर में जिन 16 लोगों को उनके परिवार से मिलाया गया है, उनमें बच्चे, बुजुर्ग और दिव्यांग भी शामिल हैं, ये सालों से अपने परिवार से अलग थे. कुछ तो 10 साल से अपने परिवार से मिले नहीं थे. इन्हें गैर सरकारी संगठनों द्वारा पुनर्वासित किया गया था या नए परिवारों द्वारा अपनाया गया था.

इनकी पहचान का किस्सा बेहद दिलचस्प है. दरअसल, जब ये लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए गए, तो सिस्टम में बार-बार इनके आवेदन को खारिज कर दिया जाता था. ऐसे में नागपुर में आधार सेवा केंद्र (एएसके) के अधिकारियों ने अनुमान लगाया कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि उनकी बायोमेट्रिक जानकारी पहले से ही मौजूदा आधार कार्ड के सिस्टम से जुड़ा हुआ है. इसके बाद सिस्टम में जानकारी को खंगाला गया और उन सबके मूल परिवारों तक पहुंच बनाई गई.

मनकापुर में आधार सेवा केंद्र प्रबंधक ऑनरेरी कैप्टन अनिल मराठे ने कहा कि “ये लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए केंद्र में आए थे. लेकिन उनके आवेदन कई बार खारिज कर दिए गए. इसके बाद उन्होंने हमारी मदद के लिए हमसे संपर्क किया. जब मैंने उनके मामले की जांच की, तो यह मेरे ध्यान में आया कि संभवतः उनकी बायोमेट्रिक जानकारी पहले से ही एक खाते से जुड़ी हुई है, शायद इसलिए उनका आवेदन बार-बार रिजेक्ट हो रहा है. इसके बाद मैंने इन मामलों को मुंबई के क्षेत्रीय आधार केंद्र और बेंगलुरु के प्रौद्योगिकी केंद्र में भेजा. वहां से इन लोगों से संबंधित विस्तृत जानकारी भेजी गई तो पता चला कि हमारे पास वे पहले से ही पंजीकृत थे. इसके बाद हमने इन लोगों के परिवारों से संपर्क किया और लापता लोगों को फिर से मिला दिया.”

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