धनबाद जज उत्तम आनंद हत्याकांड- राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा को आजीवन कारावास की हुई सजा

धनबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद हत्याकांड में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत छह अगस्त को मुजरिम राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा की सजा पर अपना फैसला सुनाया। बचाव पक्ष के वकील कुमार बिमलेंदु ने शनिवार को कहा कि पिछले महीने झारखंड के धनबाद की एक सत्र अदालत ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए लखन वर्मा और राहुल वर्मा को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। दोनों दोषियों पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सजा सुनाए जाने के एक साल बाद जज आनंद को सुबह की सैर के दौरान एक ऑटो-रिक्शा ने टक्कर मार दी और बाद में सिर में चोट लगने के कारण उनकी मौत हो गई।

अधिवक्ता कुमार विमलेन्दु ने कहा कि दोनों आरोपियों को 28 जुलाई को दोषी ठहराया गया था, आज सजा सुनाई गई। न्यायाधीश ने इसे ‘दुर्लभ से दुर्लभतम मामला’ नहीं करार दिया और इसके बजाय उन्हें जीवन के अंत तक आजीवन कारावास की सजा दी। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने कहा था कि अपराध का मकसद पीड़ित का मोबाइल फोन छीनना था और यह एक पूर्व नियोजित कार्य था जिसके लिए आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी ठहराया जाना चाहिए। दूसरी ओर, बचाव पक्ष ने दलील दी थी कि यह था एक “जानबूझकर किया गया अपराध नहीं है और यह केवल गैर इरादतन हत्या के आरोप हैं।

गौरतलब है कि 28 जुलाई 2021 को न्यायधीश उत्तम आनंद घर से सुबह पांच बजे मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। इस दौरान धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी। जिससे उनकी मौत हो गई थी। 28 जुलाई 2022 को अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह साबित होता है कि दोनों ने जान-बूझकर जज उत्तम आनंद की हत्या की है।

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