बिहार : बाढ़ की त्रासदी से लोग कर रहे त्राहिमाम , कम नहीं हो रही बाढ़ पीड़ितों की परेशानियां

दिल्लीः बाढ़ की त्रासदी से लोग कर रहे त्राहिमाम

सरकार हमारी नहीं सुनती, अधिकारी गांव में आते नहीं हैं, किसे सुनाए अपनी परेशानी : सदर प्रखंड के जादोपुर-मंगलपुर पुल के पास बच्चों के साथ शरण लेकर बैठी लालझरी कहती हैं कि सरकार हमारी नहीं सुनती. अधिकारी गांव में आते नहीं हैं. आएंगे नहीं तो उन्हे कैसे पता चलेगा हमारी परेशानी. 

गम्हरिया गांव में सिर्फ लालझरी देवी का दर्द नहीं है, इनके तरह यहां दो दर्जन से ज्यादा परिवार हैं, जिनके घर बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं और ये सभी लोग उंचे स्थानों पर निकलकर सड़क किनारे शरण लिए हुए हैं.

यहां के बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि पिछली बार बाढ़ आई तो इन इलाकों में कम्युनिटी किचेन प्रशासन के द्वारा खोला गया था, जिससे खाने-पीने को लेकर कोई परेशानी नहीं थी, इस बार ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है.

नल सूखा, चापाकल डूबा, बाढ़ का पानी पीने को मजबूर : राजवाही गांव की रहनेवाली चनरी देवी का झोपड़ीनुमा घर गंडक नदी के पानी में डूब चुका है. चनरी अपने परिवार के साथ तटबंध के किनारे रहती है. महिला ने बताया कि गांव में सरकारी नल लगा है, लेकिन सूख चुका है.

पाकल लगाये गए हैं, जो बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं. पीने के लिए बाहर से पानी लाते हैं, कई बार बाढ़ का पानी ही पीना मजबूरी बन जाता है. यही हाल है यहां के नारायण यादव का. इनके तरह यहां 20 से ज्यादा परिवार है, जो बाढ़ के हालात से परेशान हैं

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