पीएलए की वायुसेना के सुखोई-35 लड़ाकू विमानों ने ताइवान जलमरुमध्य पार किया

दिल्लीः पीएलए की वायुसेना के सुखोई-35 लड़ाकू विमानों ने ताइवान जलमरुमध्य पार किया।

चीन की आधिकारिक मीडिया ने मंगलवार को खबर दी कि देश की हवाई और जमीनी सेना ताइवान जलडमरुमध्य की ओर बढ़ रही है. ताइवान जलडमरुमध्य चीन की मुख्य भूमि को ताइवान से अलग करता है. बीजिंग ने यह कदम उसकी सख्त चेतावनी के बावजूद अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के निम्न सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचने के बाद उठाया है.

जैसे ही ताइवान की मीडिया ने पेलोसी के द्वीप पहुंचने की जानकारी दी, वैसे ही चीन की आधिकारिक सोशल मीडिया ने बड़े पैमाने पर सेना के ताइवान जलडमरुमध्य की ओर बढ़ने की जानकारी दी. सोशल मीडिया के हवाले से सरकारी ‘चाइना डेली’ ने खबर दी की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की वायुसेना के 20 से अधिक सुखोई-35 लड़ाकू विमान ताइवान जलमरुमध्य को पार कर रहे हैं.

ट्विटर की तर्ज पर बने चीन के स्थानीय सोशल मीडिया मंच ‘वीइबो’ पर तस्वीरें साझा की गई हैं जिसके मुताबिक बख्तरबंद वाहन दक्षिणी चीनी बंदरगाह शहर शियामेन की ओर बढ़ रहे हैं. यह शहर चीन के दक्षिणी पूर्वी तट पर है जो ताइवान की ओर है. एक अन्य ट्वीट में ‘चाइना डेली’ ने बताया कि पीएलए के पूर्वी थिएटर कमान ने कहा कि बल उच्च सतर्क अवस्था में है और ‘आदेश मिलते ही दुश्मन का मुकाबला करने को तैयार हैं.’

चीन नियमित तौर पर किसी विदेशी हस्ती के ताइवान दौरे का विरोध करता रहा है. उसका दावा है कि वह एक चीन की नीति का अनुपालन करता है और जोर देता है कि बाकी देश भी इसका अनुसरण करें. उसका मानना है कि ताइवान मुख्य भूमि का हिस्सा है. बीजिंग में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अगर पेलोसी ताइवान आती हैं तो अमेरिका को ‘इसकी भारी कीमत चुकानी’ होगी.

चीन की सहायक विदेश मंत्री और प्रवक्त हुआ चुनयिंग ने मंगलवार को मीडिया से कहा, ‘चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और हित को कमतर करने की जिम्मेदारी अमेरिका की होगी और उसे इसकी कीमत चुकानी होगी.’ उन्होंने कहा कि पेलोसी की ताइवान यात्रा पर चीन ‘कड़ा कदम उठाएगा.’

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker