किसकी शिवसेना? EC ने 8 अगस्त तक शिंदे और उद्धव खेमे को दस्तावेजी सबूत पेश करने को कहा

महाराष्ट्र में बीते दो महीने से चला आ रहा राजनीतिक ड्रामा अब भारत के चुनाव आयोग के दरवाजे पर दस्तक दे चुका है। चुनाव आयोग की तरफ से दोनों ही गुटों को नोटिस भी भेज दिया गया है। पूरे मामले पर 8 अगस्त को अगली सुनवाई होगी और पता चल जाएगा की असली शिवसेना किसकी है। भारतीय चुनाव आयोग की तरफ से उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे कैंप को शिवसेना पर दावे से संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। दोनों ही खेमे की तरफ से बाल ठाकरे की विरासत और पार्टी पर अपने-अपने दावे किए जा रहे हैं। उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की तरफ से पार्टी पर दावे को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। दोनों को यह साबित करने के लिए दस्तावेजी सबूत देने होंगे कि पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा।

शिंदे खुद के गुट को असली शिवसेना बता रहे हैं जबकि उद्धव ठाकरे ने इस दावे को चुनौती दी है। चुनाव आयोग ने ठाकरे खेमे को शिंदे गुट द्वारा उन्हें (ईसी) लिखे गए पत्र और शिंदे गुट को ठाकरे खेमे के पत्र को भी भेजा और दोनों खेमों से 8 अगस्त तक जवाब मांगा। विशेष रूप से, शिंदे ने पिछले महीने ठाकरे के खिलाफ विद्रोह किया और जिससे राज्य में महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई। शिवसेना पर दावा पेश करने की लड़ाई दोनों पक्षों द्वारा आयोग को लिखे जाने के बाद चुनाव आयोग तक पहुंच गई। 

भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से सत्ता हासिल करने वाले शिंदे गुट के पास शिवसेना के 55 में से 40 विधायक हैं। इसने चुनाव आयोग से गुट को ‘असली’ शिवसेना के रूप में मान्यता देने का अनुरोध किया है, साथ ही चुनाव निकाय से गुट को धनुष-बाण चुनाव चिन्ह आवंटित करने का भी आग्रह किया है। संसद में उद्धव गुट को एक और झटका लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा सदन में शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट की पार्टी नेता को बदलने की मांग को स्वीकार कर दिया। अब सदन में शिवसेना के नेता राहुल शेवाले होंगे। 

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