बाबा विश्वनाथ को बेलपत्र, भांग और धतूरा प्रिय है, लेकिन काशी में भक्त बाबा को बनारसी पान का स्वाद भी चखाते हैं

दिल्लीः बनारस (Banaras) अपनी परम्पराओं के लिए दुनिया भर में मशहूर है. बाबा विश्वनाथ (Baba Vishwanath) के इस शहर में भक्त भी भगवान भोले की तरह ही मदमस्त और अलबेले हैं. ऐसे ही अनोखे भक्त हैं भुल्लन पटेल और राजू गुप्ता, जो हर रोज बाबा विश्वनाथ को बनारसी गोलगप्पा और पान (Paan) का स्वाद चखाते हैं. खास बात ये है कि सालों से चला आ रहा ये क्रम अब पंरपरा बन चुका है.

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, बाबा काशी विश्वनाथ को बेलपत्र, भांग और धतूरा प्रिय है, लेकिन काशी में भक्त भगवान को अपने श्रद्धाभाव के मुताबिक उन्हें भोग लगाते हैं. ढूंढी राज गणेश मंदिर की गली में भुल्लन पान की दुकान है. दुकान के संचालक भुल्लन पटेल ने बताया कि करीब 150 सालों से उनका परिवार बाबा विश्वनाथ के लिए पान तैयार करता है. यही पान बाबा को चारों पहर की आरती में चढ़ाया जाता है.

भुल्लन पटेल के मुताबिक, वह पूरी शुद्धता के साथ पान को तैयार करते हैं, जिसमें ताम्बूल और कत्थे के साथ ही लौंग का प्रयोग किया जाता है. उनके दादा ने इसकी शुरुआत की थी जो अब परम्परा बन गई है.

हर रोज गोलगप्पा और जामुन का चढ़ाते हैं भोग
भुल्लन के अलावा राजू गुप्ता हर रोज अपनी चाट की दुकान पर बाबा विश्वनाथ के लिए गोलगप्पा तैयार करते हैं. दुकान लगाने के बाद जितनी भी भीड़ हो राजू उन्हें रोककर पहले बाबा विश्वनाथ के लिए गोलगप्पा और जामुन उनके दर तक पहुंचाते हैं. इसके बाद ग्राहकों को इसका स्वाद चखाते हैं. सालों से राजू ये करते आ रहे हैं. उनका कहना है कि वो अपनी चाट की दुकान पर लहसून और प्याज का भी बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करते हैं

काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्रा ने बताया कि भगवान शंकर को यूं तो जल, बेलपत्र और भांग चढ़ाकर भक्त प्रसन्न करते हैं, लेकिन काशी में भक्त अपने श्रद्धाभाव के हिसाब से उन्हें प्रसाद चढ़ाते हैं. शायद यही वजह है कि लोग बनारस और बनारसियों को पूरी दुनिया से अनोखा मानते हैं.

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