राजनीतिक दवाब में नहीं हुई पूछताछ, निष्पक्ष एजेंसी, ED के अधिकारी बड़े अच्छे, आखिर ‘छोटे सरकार’ के क्यों बदले-बदले से अंदाज नजर आ रहे हैं?
शिवसेना नेता संजय राउत शुक्रवार को धनशोधन के मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए और उनसे 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ हुई। पूछताछ के बाद संजय राउत के तेवर कुछ बदले बदले नजर आए। अभी तक ईडी को निशाने पर लेने वाले राउत ने अब एक तटस्थ एजेंसी की संज्ञा दी है। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर भी प्रेशर है। लेकिन, मैं डरता नहीं हूं। राउत ने आगे कहा कि मुझे भी गुवाहाटी (बागी विधायकों का गुट) जाने का ऑफर मिला था, लेकिन मैं बालासाहेब ठाकरे का सैनिक हूं। इसलिए मैं वहां नहीं गया।
शिवसेना नेता संजय राउत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस देश का एक ज़िम्मेदार नागरिक, सांसद होने के नाते मेरा ये कर्तव्य है कि जब देश की कोई भी जांच एजेंसी मुझे बुलाती है तो मैं उनके समक्ष जाकर बयान दूं। मुझे बुलाया गया, लोगों के मन में कुछ शंका है कि ये राजनीतिक दबाव में हुआ है, ऐसी कोई बात नहीं है।
संजय राउत ने कहा कि उनके मन में शंका थी, टाइमिंग की थोड़ी समस्या है कि यही टाइमिंग क्यों रखी। 10 घंटे तक मैं उनके साथ रहा, अधिकारी बहुत अच्छे से मेरे साथ पेश आए। मैंने सभी प्रश्नों का उत्तर दिया। मैंने उन्हें कहा कि अगर आपको लगता है कि मुझे वापस आना चाहिए तो मैं फिर आ जाऊंगा।
शिवसेना सांसद के ईडी कार्यालय पहुंचने पर उन्हें गले में भगवा मफलर पहने हुए देखा गया और उन्होंने अपने वकील के साथ कार्यालय में प्रवेश करने से पहले हाथ हिलाकर अपने समर्थकों का अभिवादन किया। अंदर जाने से पहले पत्रकारों से बातचीत में राउत ने कहा, ‘‘मैं जांच में एजेंसी के साथ सहयोग करूंगा। उसने मुझे तलब किया, वे मुझसे कुछ सूचना चाहते हैं और संसद सदस्य, जिम्मेदार नागरिक एवं एक राजनीतिक दल का नेता होने के नाते मेरा यह कर्तव्य है कि मैं उनके साथ सहयोग करूं।’’ उन्होंने कहा कि वह ‘‘निर्भीक और निडर’’ हैं, क्योंकि उन्होंने ‘‘जीवन में कुछ भी गलत नहीं किया है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या यह राजनीति से प्रेरित मामला है, इस पर राउत ने कहा, ‘‘हमें बाद में यह पता चलेगा। मुझे लगता है मैं ऐसी एजेंसी के समक्ष पेश हो रहा हूं, जो निष्पक्ष है और मेरा उन पर पूरा भरोसा है।