उद्धव ठाकरे का एकनाथ शिंदे पर बड़ा हमला, सत्ता के लिए किया गया रातों रात खेल, मेरे दिल से महाराष्ट्र को कोई नहीं निकाल सकता

उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे शिवसेना के सीएम नहीं हैं। सत्ता के लिए रातों रात खेल किया गया। सभी मतदाताओं को अधिकार होना चाहिए कि जिसे वोट दे रहा है उसे वापस बुलाने का अधिकार भी उसके पास होना चाहिए। मेरे दिल से महाराष्ट्र को नहीं निकाल सकते। लोकतंत्र का अपमान हो रहा है और उसे रोकने की जरूरत है। कल जो हुआ उसके बारे में मैंने अमित शाह से पहले भी कहा था कि शिवसेना का मुख्यमंत्री 2.5 साल (शिवसेना-भाजपा गठबंधन के दौरान) होना चाहिए। अगर उन्होंने पहले ऐसा किया होता, तो कोई महा विकास अघाड़ी नहीं होती। इसके साथ ही महाराष्ट्र को बदनाम नहीं करने की अपील की है। 

उद्धव ने कहा कि मुझे इस  बात का दुख जरूर है कि जिस तरह से मेरे पीठ में खंजर घोंपा गया। आरे के फैसले को पलटने की बात पर बयान देते  हुए उद्धव ने कहा कि पर्यावरण के साथ खेल न करें।  बता दें कि एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद उद्धव ठाकरे की तरफ से प्रतिक्रिया भी सामने आई। उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि दोनों ही नेता महाराष्ट्र के लिए अच्छा काम करेंगे। उन्होंने अपने ही ट्वीट से एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस दोनों को बधाई दी।

शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और उन 16 बागी विधायकों को निलंबित करने की मांग की है जिनके खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही शुरू की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उन 15 बागी विधायकों को विधानसभा से निलंबित किए जाने का अनुरोध करने वाली शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई करेगा, जिनके खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं लंबित हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री समेत 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही लंबित होने के कारण याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। पीठ ने ताजा याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई करने पर सहमति जताई। 

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