उत्तराखंड: 17 प्रतिशत आबादी गरीब,अल्मोड़ा में बहुआयामी गरीबी का प्रतिशत 25.65

दिल्लीः उत्तराखंडकी 17.72% आबादी बहुआयामी गरीब की श्रेणी में आती है। देशभर की बात करें तो उत्तराखंड इस श्रेणी में 15वें पायदान पर है। राज्य में भी अल्मोड़ा जनपद में गरीबी का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से अधिक है।  आर्थिक सर्वे के अनुसार, अल्मोड़ा में बहुआयामी गरीबी का प्रतिशत 25.65 है, जो राष्ट्रीय औसत 25.01 से ज्यादा है।

इसके बाद हरिद्वार ओर यूएसनगर जिले राष्ट्रीय औसत के काफी करीब हैं। ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र की तुलना में हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुआयामी गरीबी 29.55% व नगरीय क्षेत्र में चंपावत में 20.90% है, जो उत्तराखंड में सर्वाधिक है। जबकि देहरादून जिले में सबसे कम 6.88% बहुआयामी गरीबी हैं।

इस सूची में राष्ट्रीय औसत पर उत्तराखंड 17.72% आबादी के साथ 15वें स्थान पर है। उत्तराखंड की 21.94% ग्रामीण व 9.89% शहरी आबादी इस श्रेणी में आती है। बिहार 51.91, झारखंड 42.16 और यूपी 37.79% प्रभावित आबादी के साथ क्रमश: पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। इस श्रेणी में केरल में .71% आबादी आती है, जो सबसे कम है। इसके बाद गोवा और सिक्किम हैं। 

बहुआयामी गरीबी : परंपरागत रूप से गरीबी निर्धारण के बजाय अब सरकार का जोर बहुआयामी गरीब की पहचान पर है। इससे गरीबी का आकलन सिर्फ आर्थिक आधार पर करने के बजाय सामाजिक, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे सूचकांक के आधार पर होता है। इसमें पोषण,बाल -युवा मृत्युदर, मातृत्व स्वास्थ्य,शिक्षा की स्थिति,स्कूलिंग के वर्ष, स्कूल की उपस्थिति, कुकिंग ईधन का प्रकार, बिजली- पेयजल- शौचालय की उपलब्धता, आवास, बैंक खाता की उपलब्धता को आंक कर गरीबी का निर्धारण किया जाता है। 

जनपद    गरीब
अल्मोड़ा    25.65
हरिद्वार    24.76
उत्तरकाशी    24.28
यूएसनगर    23.20
चंपावत    22.41
बागेश्वर    19.99
टिहरी    19.53
चमोली    16.78
पिथौरागढ़    13.96
रुद्रप्रयाग    13.91
नैनीताल    13.41
पौड़ी    11.93
देहरादून    06.88     (आंकड़े प्रतिशत में)
 

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker