प्रयागराज हिंसा: जावेद के साथ उनकी बेटी भी विवादों में

दिल्लीः

प्रयागराज में हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद पंप के घर को बुलडोजर से जमींदोज करने पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। जावेद के साथ ही उनकी बड़ी बेटी आफरीन फातिमा भी विवादों में हैं। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से PhD कर रहीं आफरीन नागरिकता कानून से लेकर हिजाब से जुड़े मुद्दों पर काफी एक्टिव रही हैं।

10 जून हिंसा के दिन पुलिस रात करीब 8:30 बजे जावेद को अपने साथ ले गई थी। इसके बाद पुलिस पूछताछ के लिए जावेद की पत्नी और उनकी छोटी बेटी सुमैया फातिमा को महिला थाने ले गई। 33 घंटे तक उन्हें थाने में ही रखा गया। वुमन भास्कर टीम ने सुमैया फातिमा से बात कर हिरासत के उन 33 घंटों का हाल जाना।

सुमैया ने कहा- अब्बू एक सामाजिक कार्यकर्ता रहे हैं, इसलिए पुलिस व अधिकारियों के बीच उनका उठना-बैठना लगा रहता था। हिंसा वाले दिन भी अब्बू नमाज पढ़कर आए, इसके बाद उनके पास फोन आने शुरू हुए और घटना की जानकारी लगी। जब शाम की नमाज का वक्त हुआ तो अब्बू फिर नमाज अदा करने चले गए। इस बीच, घर पर पुलिस आई। उन्होंने अब्बू के बारे में मुझसे पूछा। थोड़ी ही देर में अब्बू भी नमाज पढ़कर घर आ गए थे।

पुलिस ने उन्हें कोतवाली चल कर कुछ बात करने को कहा, क्योंकि अब्बू आए दिन प्रशासन व अन्य अधिकारियों संग मीटिंग के लिए जाते रहते थे, इसलिए वह पुलिसवालों के साथ चले गए। आमतौर पर वह 1-2 घंटे के अंदर घर आ जाते थे, मगर उस दिन ऐसा नहीं हुआ। थोड़ी देर बाद उनके एक दोस्त अब्बू के लिए शुगर और बीपी की दवाई लेने आए। कुछ अजीब तो लगा मगर हमने दवाई दे दी और इंतजार करने लगे। तीन-चार घंटे बीतने पर जब कोई खबर नहीं लगी तो पूरा परिवार टेंशन में आ गया कि आखिर हुआ क्या है।

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