जिन्हे कांग्रेस से डर है वह पार्टी से जा सकते है: राहुल गाँधी
दिल्लीः राहुल गांधी इस वक्त दो वजहों से चर्चा में हैं। पहला, नेशनल हेराल्ड मामले में ED उनसे पूछताछ कर रही है। दूसरा, 19 जून को उनका बर्थडे है। ऐसी ही एक कहानी है जब वे कांग्रेस उपाध्यक्ष बने थे और उनकी मां सोनिया ने रोते हुए कहा था, ‘सत्ता जहर है’ दूसरी कहानी उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस है, जिसके बाद स्थिति पलट गई।
19 जनवरी 2013 को राजस्थान के जयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर लगा था। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में पहले दिन एके एंटनी खड़े हुए और कहा, ‘मैं एक प्रस्ताव रखना चाहता हूं।’ सभी ने सहमति जताई तो कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जनार्दन द्विवेदी ने उस प्रस्ताव को पढ़ना शुरू किया। उसमें लिखा था, ‘जनता की आकांक्षाओं को देखते हुए राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया जाए।’
सामने बैठे पार्टी के नेताओं ने मेज थपथपाकर सहमति जता दी। सोनिया गांधी ने हामी भर दी। राहुल मुस्कुरा दिए। तत्कालीन PM मनमोहन सिंह उठे और राहुल को एक गुलदस्ता देकर बधाई दी। इस तरह राहुल कांग्रेस के 10 महासचिवों के बीच से निकलकर पार्टी के उपाध्यक्ष बन गए।
राहुल के उपाध्यक्ष बनाए जाने के ऐलान के बाद कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी, ‘देश का नेता कैसा हो, राहुल गांधी जैसा हो। हमारा नेता राहुल गांधी।’ उस वक्त के केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया लोगों के बीच गए और कहा, ‘राहुल गांधी पहले भी बड़े-बड़े फैसले करते आ रहे थे। शिविर में 60% युवाओं की भागीदारी भी उन्हीं का नतीजा है। देश यही चाहता है।’ इसके बाद उन्होंने भी राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगाए। हालांकि, बाद में सिंधिया खुद ही BJP में चले गए।
राहुल गांधी मंच पर बोलने के लिए खड़े हुए। सामने बैठी उनकी मां सोनिया गांधी की आंखों में आंसू आ गए। राहुल ने कहा, ‘कल रात मेरे कमरे में मां आई थी। पास बैठीं और रोने लगी। वह इसलिए रोई थीं, क्योंकि जो ताकत बहुत सारे लोग पाना चाहते हैं, वो जहर है।’
राहुल ने आगे कहा, ‘मैं आज सुबह 4 बजे ही उठ गया। बाहर अंधेरा था और ठंड भी। बालकनी में गया और सोचा कि मेरे कंधे पर अब बड़ी जिम्मेदारी है। मैं अब वो नहीं कहूंगा, जो लोग सुनना चाहते हैं। अब मैं वो कहूंगा जो मैं महसूस करता हूं। सत्ता की ताकत का अच्छा और बुरा दोनों असर पड़ता है। हमें बुरे को नहीं सुनना है। अच्छा साथ रखना है।’