बूचा नरसंहार को यूक्रेन ने ही दिया अंजाम, भारत के कड़े रुख पर रूस की सफाई

यूक्रेन के बूचा शहर में हुए नरसंहार को लेकर चौतरफा हमले झेल रहे रूस ने डिफेंसिव मोड में आते हुए इस घटना की निंदा की है। भारत में रूस के दूतावास ने बयान जारी कर कहा है बूचा नरसंहार ने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान नाजी हिंसा की भयानक यादों को ताजा कर दिया। कीव से 37 किलोमीटर दूर यू्क्रेन के बूचा शहर में हुए नरसंहार की दुनियाभर में निंदा हो रही है।

बूचा शहर में एक सामूहिक कब्रिस्तान मिला है जिसमें से अबतक 300 यूक्रेनी नागरिकों के क्षत-विक्षत शव बरामद किए गए हैं। कई शव तो ऐसे हैं जिनके माथे पर बंदूक सटाकर गोली मारी गई है। बूचा शहर की विचलित करने वाली इन तस्वीरों से दुनियाभर में कोहराम मच गया है। चारों तरफ इस घटना की निंदा हो रही है। यूक्रेन पर हमले के बाद करीब एक महीने से बूचा शहर रूसी सैनिकों के कब्जे में है। यूक्रेन ने रूस पर बूचा में नरसंहार और युद्ध अपराध का आरोप लगाया है। हालांकि रूस इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कह रहा है कि रूस की छवि खराब करने के लिए ये साजिश रची गई है।

भारत ने भी बूचा शहर में हुए नरसंहार की कड़ी आलोचना करते हुए इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि बूचा शहर से आ रही नरसंहार की खबरें काफी विचलित करने वाली हैं। हम इन हत्याओं की निंदा करते हैं और स्वतंत्र जांच की मांग का समर्थन करते हैं। रूस के साथ खड़े चीन ने भी बूचा में हुए नरसंहार की निंदा की है।

दूसरी तरफ अमेरिका, G7 और यूरोपीय यूनियन बूचा हिंसा के बाद रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है। बूचा में हुई हत्याओं को लेकर पेरिस में रूस के राजदूत के ट्वीट पर फ्रेंच सरकार ने उन्हें तलब किया है। पेरिस में रूस के राजदूत ने ट्विटर पर तस्वीरें पोस्ट करते हुए कहा था कि यूक्रेनी नागरिकों ने ही अपने लोगों को मारा है। 

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