ट्विटर पर मोदी और योगी के फॉलोअर बने शिवपाल, प्रसपा अध्यक्ष ने दिए बड़े संकेत

दिल्लीः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज चल रहे चाचा शिवपाल सिंह यादव एक बार फिर यूपी की राजनीति में बड़ा उलटफेर करने की तैयारी में हैं। शिवपाल सिंह यादव ने सपा विधायक दल की बैठक में न बुलाए जाने से नाराज नाराज चल रहे हैं। पिछले दिनों शिवपाल यादव ने मुख्यमंत्री आवास पर जाकर सीएम योगी से मुलाकात की तो सियासी गलियारों में प्रसपा अध्यक्ष के भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं शुरू हो गईं। हालांकि शिवपाल सिंह यादव ने भी बड़े बदलाव की बात कही थी।

नवरात्रि के पहले दिन ही शिवपाल भाजपा में जाने वाली बात पर मुहर लगती नजर आ रही है। शिवपाल सिंह यादव ने अचानक से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को ट्विटर पर फॉलो करके यूपी की राजनीति में गर्माहट पैदा कर दी है। इसके अलावा शिवपाल यादव ने पूर्व डिप्टी सीएम रहे डॉ. दिनेश शर्मा को भी फॉलो किया है। पहले शिवपाल केवल पीएमओ और सीएमओ को ही फॉलो करते थे। पीएम और सीएम के ट्विटर को फॉलो करने के बाद सियासी गलियारों में एक बार फिर से प्रसपा अध्यक्ष के भाजपा में शामिल होने को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि अभी इसको लेकर न भाजपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया आई है और न ही प्रसपा अध्यक्ष ने इसको लेकर पुष्टि की है।

यूपी विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद सपा ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी। जिसमें अखिलेश को नेता प्रतिपक्ष चुना गया था। दो दिन से उम्मीद लगाकर लखनऊ में डेरा डाले शिवपाल यादव को विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया था। इससे शिवपाल यादव ने नाराजगी भी जाहिर की थी। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव को सपा के चुनाव चिह्न पर ही जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ाया गया था। ऐसे में शिवपाल यादव को पूरी उम्मीद थी कि विधायक दल की बैठक में उन्हें बुलाया जाएगा।

शिवपाल यादव ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा था कि उन्हें जानकारी मिली की विधायक दल की बैठक होनी है तो वह लखनऊ में ही दो दिन से रुके हुए थे। शिवपाल ने कहा था कि, मुझे पार्टी की बैठक में नहीं बुलाया गया है। मैं दो दिन से इंतजार कर रहा था, इस बैठक में शामिल होने के लिए मैंने अपने दूसरे सारे प्रोग्राम कैंसल कर दिए, लेकिन मुझे बुलाया नहीं गया।

शिवपाल यादव अगर पाला बदलते है तो कई लोगों को आश्चर्य नहीं होगा क्योंकि कई मौकों पर अखिलेश ने खुद अपने चाचा पर आदित्यनाथ के संपर्क में रहने और भगवा पार्टी के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया है। राजनीतिक गलियारों में इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा शिवपाल को राज्यसभा भेज सकती है और जसवंतनगर सीट उनके बेटे आदित्य यादव को दे सकती है। इस बार शिवपाल सपा के चुनाव चिह्न पर अपनी पारंपरिक जसवंतनगर सीट से छठी बार जीते हैं।

शिवपाल यादव के भाजपा में जाने को लेकर केशव प्रसाद मौर्या ने उन पर टिप्पणी की थी। यूपी के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने यह कहकर सस्पेंस बढ़ा दिया था कि बीजेपी में फिलहाल ऐसी कोई वैकेंसी नहीं है। उन्होंने सीएम योगी से शिवपाल की मुलाकात को सामान्य बताते हुए कहा है कि विपक्ष का कोई भी नेता उनसे मिल सकता है। माना जा रहा है कि बीजेपी ने शिवपाल की शर्तों को नरम करने के लिए भी यह दांव चला होगा। पार्टी अपने नफा-नुकसान को ध्यान में रखकर ही शिवपाल के साथ कोई समझौता करेगी।

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