15 रुपये तक सस्ता हो सकता है खाने का तेल

बीते कुछ महीनों से खाने के तेल की महंगाई ने आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी थी। इस परेशानी को दूर करने के लिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। इस कदम के बाद खाने के तेल 15 रुपए तक सस्ते हो सकते हैं।

सरकार का कदम क्या है: सरकार ने पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर मूल सीमा शुल्क को हटा दिया है और इसके साथ ही रिफाइंड खाद्य तेलों पर शुल्क में कटौती की है।

इस कदम से त्योहारी मौसम में खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने और उपभोक्ताओं को राहत देने में मदद मिलेगी।

कितनी कम हो सकती है कीमत: खाद्य तेल उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने कहा कि इससे आसमान छूती खाद्य तेलों की कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर तक की कमी आ सकती है।

एसईए के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा, “इस शुल्क कटौती के फैसले के बाद रिफाइंड पाम तेल की खुदरा कीमतों में 8-9 रुपये प्रति लीटर की कमी आ सकती है, जबकि रिफाइंड सूरजमुखी और सोयाबीन तेल की कीमतों में 12-15 रुपये प्रति लीटर तक की कमी हो सकती है।’’

हो सकता है ये नुकसान: हालांकि, बी वी मेहता ने कहा कि यह इस फैसले के लिए सही समय नहीं है, क्योंकि इससे किसानों की आय प्रभावित हो सकती है।

मेहता ने कहा, ‘‘सोयाबीन और मूंगफली की कटाई शुरू हो गई है। आयात शुल्क को कम करने के निर्णय से बाजार की कीमतों में कमी आ सकती है और किसानों को कम कीमत मिल सकती है।’’

उन्होंने कहा कि आमतौर पर भारत द्वारा अपने आयात शुल्क को कम करने के बाद अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि होती है।

औसत खुदरा कीमत: उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस साल नौ अक्टूबर को सोया तेल की औसत खुदरा कीमत 154.95 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो एक साल पहले की समान अवधि के 106 रुपये प्रति किलोग्राम से 46.15 प्रतिशत अधिक है।

इसी तरह, सरसों तेल की औसत कीमत 43 प्रतिशत बढ़कर 184.43 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो पहले 129.19 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि वनस्पति की कीमत 43 प्रतिशत बढ़कर 136.74 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो पहले 95.5 रुपये प्रति किलोग्राम थी।

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