मनीष हत्याकांड, एसआईटी के रडार पर दर्जन भर पुलिसकर्मी

जिला न छोड़ने की हिदायत
लखनऊ,संवाददाता। गोरखपुर में पुलिस की पिटाई से कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड मामले में एसआईटी ने अपनी जांच तेज कर दी है। जांच के दायरे में सिर्फ छह नहीं बल्कि 12 पुलिसवाले हैं।

इंस्पेक्टर जेएन सिंह सहित छह पुलिसवाले तो किन्हीं न किन्हीं कारणों से घटनास्थल से जुड़े हुए हैं। एसआईटी ने इंस्पेक्टर जेएन सिंह समेत सभी 12 पुलिस कर्मियों को जांच जारी रहने तक जिला न छोड़ने की हिदायत दी है।

इससे पहले गुरुवार को एसआईटी ने एसएसआई अरुण कुमार चैबे, एसआई अजय कुमार,कॉन्स्टेबल प्रवीण पांडे, अंकित कुमार सिंह, सचिन कुमार यादव, मुंशी हरीश कुमार गुप्ता समेत 6 पुलिस कर्मियों के बयान दर्ज किए थे।

पंचनामा भरने वाले मेडिकल कॉलेज के दरोगा के भी बयान लिये है। एसआईटी ने इंस्पेक्टर जेएन सिंह और चैकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा की पूरी गतिविधियों की भी जानकारी जुटाई है।

इसके अलावा जेएन सिंह के साथ घटना से पहले और घटना के बाद हमराह रहे पुलिसवाले और दरोगा का भी एसआईटी ने बयान दर्ज किया है।

12 पुलिस कर्मियों में इंस्पेक्टर जेएन सिंह, एसआई अक्षय मिश्रा, विजय कुमार यादव, राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव, कांस्टेबल प्रशांत कुमार को एसएसपी ने घटना की लापरवाही में निलंबित किया गया था।

जेएन सिंह, अक्षय मिश्रा और विजय यादव के खिलाफ नामजद व तीन अज्ञात सहित छह पर हत्या का केस दर्ज किया गया है। ये पुलिसवाले एसआईटी के सामने बयान देने नहीं आए हैं।

आरोपियों में कुछ फरार हैं तो कुछ गोपनीय ठिकाने पर छिपकर सही समय का इंतजार कर रहे हैं। 27 सितंबर की देर रात गोरखपुर के कृष्णा होटल में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता अपने दोस्तों के साथ ठहरे हुए थे।

इसी दौरान पुलिस उनके रूम में दाखिल हुई और सवाल-जवाब करने लगी।होटल में ही मनीष गुप्ता के साथ बुरी तरह से मारपीट की गई, जिसके चलते उनकी मौत हो गई थी।

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