बुंदेलखण्ड की ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासत की बनेगी बेवसाइट: मण्डलायुक्त
झाँसी : बुन्देलखंड की एतिहासिक सांस्कृतिक विरासत की बेवसाइट बनेगी। छोटे पर्यटन सर्किट से पर्यटकों को भी लुभाने की योजना तैयार कर ली गई है। यह बात बुन्देलखण्ड पर्यटन एवं ऐतिहासिक स्थल संरक्षण समिति की बैठक में मण्डलायुक्त डा. अजय शंकर पाण्डेय ने कहीं। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड की प्राकृतिक व ऐतिहासिक सम्पदा इतनी समृद्ध है कि इसे व्यवस्थित तरीके से विकसित कर विश्व पटल पर रखा जाये तो पर्यटकों का न सिर्फ आकर्षण बढ़ेगा ब्लकि विलुप्त हो रहीं ऐतिहासिक इमारतों व पर्यटन स्थलों को नवजीवन मिलेगा। पर्यटकों के आने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेगे। कहा, मण्डल में कई ऐसी ऐतिहासिक स्मारक व रमणीक स्थान है जो संरक्षित नहीं है, इन स्थानों को स्थानीय व्यक्तियों/संस्थाओं के सहयोग से संरक्षित कराये जाने के लिए उ.प्र. सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा एडोप्ट-ए-हैरिटेज है।
बुंदेलखण्ड की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर रखने के लिए बेवसाइट का निर्माण किया जायेगा। जिसका दायित्व इवेन्ट विशेषज्ञ गौरव गर्ग निभाएंगे। बुन्देली पर्यटन समिति की कार्यप्रगति प्रस्तुत करते हुए बुन्देलखंड विश्वविद्यालय के ट्यूरिजम व होटल मैनेजमेन्ट के डा. प्रतीक अग्रवाल ने बताया कि शोध छात्रों के माध्यम से चिन्हित स्थलों के ऐतिहासिक महत्व की जानकारियां इकठ्ठी हो रही। पर्यटन विभाग के डा. चित्रगुप्त ने कहा, छोटे पर्यटक सर्किट बनाये जाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसमें पर्यटन विभाग अपनी बस से एक दिन में 24 पर्यटकों को बुंदेलखण्ड के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराएगी। पुरातत्व अधिकारी एस.के. दुबे ने उ.प्र. सरकार की एडोप्ट-ए-हैरिटेज योजना की जानकारी दी।
इस दौरान मंडलायुक्त ने सुझाव दिया कि झांसी मण्डल के तीनों जनपदों के ऐतिहासिक व पर्यटन स्थलों के छोटे-छोटे पर्यटक सर्किट बनाये जाएं। इससे स्कूल/कॉलेज के विद्यार्थियों व आम जनता को एक दिवसीय भ्रमण पर जाने के लिए प्रेरित किया जा सके। इस गतिविधि से विद्यार्थियों/आमजन को अपनी विरासत इतिहास की जानकारी मिलेगी साथ ही मनोरंजक यात्रा भी होगी।