सोनी-जी एंटरटेनमेंट मर्जर आसान नहीं , जी एंटरटेनमेंट में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी सिर्फ 4.7%
दिल्ली: जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स ने मर्जर का ऐलान कर दिया है। मर्जर से जुड़ी जरूरी प्रक्रिया के लिए तीन महीने का समय तय किया गया है। लेकिन ये मर्जर आसान नहीं है। दरअसल, जी एंटरटेनमेंट में हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी ‘इन्वेस्को’ मर्जर में अड़ंगा लगा सकती है। किसी भी मर्जर में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी अहम भूमिका निभाती है। ऐसे में कम ही देखा जाता है कि इस तरह का एग्रीमेंट हो पाए, जब प्रमोटर्स के पास सिर्फ 4.77% हिस्सेदारी हो। दूसरी तरफ जी एंटरटेनमेंट में 18% की हिस्सेदारी रखने वाली इन्वेस्को कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर ही है।
इन्वेस्को ही वो निवेशक है जिसकी वजह से जी एंटरटेनमेंट में विवाद शुरू हुआ। दरअसल, इन्वेस्को का मानना था कि कंपनी का कॉर्पोरेट गवर्नेंस कमजोर है। इन्वेस्को ने ही जी एंटरटेनमेंट में दो स्वतंत्र निदेशकों और MD पुनीत गोयनका को हटाने की मांग भी की। दो स्वतंत्र निदेशकों ने इस्तीफा तो दे दिया, लेकिन MD पुनीत गोयनका ने पद छोड़ने से मना कर दिया। लेकिन, ये मामला आगे बढ़ता उसके पहले ही जी एंटरटेनमेंट ने सोनी के साथ मर्जर का ऐलान कर दिया।
वैसे सोनी के साथ जी एंटरटेनमेंट ने दो साल पहले भी इसी तरह की पार्टनरशिप की कोशिश की थी। पर तब बात बन नहीं पाई। इस बार जी एंटरटेनमेंट ने सोनी को पार्टनर बनाने के लिए सभी शर्तों को मंजूर कर लिया। इनमें ये शर्त भी शामिल है कि मर्जर के बाद पुनीत गोयनका 5 साल के लिए जी एंटरटेनमेंट के MD बने रहेंगे। सेल्स और डिस्ट्रीब्यूशन जैसे अहम सेक्शन जी एंटरटेनमेंट के पास रहेंगे।