शारदीय नवरात्रि में इस बार डोली पर सवार होकर आएंगी मातारानी
भोपाल। राजधानी में शारदीय नवरात्रि पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। माता रानी इस बार डोली पर सवार होकर आएंगी। पं. विष्णु राजौरिया के अनुसार देवी भागवत पुराण के अनुसार जब भी गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्रि की शुरुआत होती है, तो मातारानी डोली पर सवार होकर आती हैं।
वहीं, नवरात्रि की शुरुआत अगर सोमावार अथवा रविवार से होती है, तो मातारानी हाथी पर सवार होकर आती हैं। मंगलवार और शनिवार को घोड़े पर सवार होकर मातारानी आती हैं। सात अक्टूबर गुरुवार से शारदीय नवरात्रि का पर्र्व इस बार शुरू हो रहा है।
इसका अर्थ ये है कि मातारानी डोली पर सवार होकर इस बार आएंगी। 15 अक्टूबर को समापन होगा। नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि पर्व में माता के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा का विधान होता है।
मातारानी की सवारी शेर है, लेकिन भागवत पुराण में सप्ताह के दिनों के मुताबिक सवारी के बारे में बताया गया है। डोली पर सवार होकर आना शुभ नहीं माना जाता है। इसमें लोगों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
संक्रामक रोगों के फैलने के साथ राजनीतिक सरगर्मी भी इस दौरान बढ़ती है। हालांकि, माता की डोली पर आने से स्त्री शक्ति को मजबूती मिलती है। जब भी माता शेर पर सवार होकर आती हैं, तो अपने भक्तों का कल्याण करती हैं और भक्तों को मातारानी का सौभाग्य प्राप्त होता है।