गुण-अवगुण मूल्यांकन

अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपने कार्यकाल में रक्षा मंत्रालय का कार्यभार एक ऐसे व्यक्ति को सौंपा जो उनका कटु आलोचक था।

वह व्यक्ति लिंकन के विरुद्ध कुछ न कुछ गलत बोला करता था। जब यह बात लिंकन के दोस्त को पता चली तो उन्होंने कहा, ‘क्या आप नहीं जानते कि जिसे आपने रक्षा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा है, वह कौन है?’ लिंकन बोले, ‘ऐसा क्या हुआ?’ दोस्त बोला, ‘उस व्यक्ति ने कल ही एक सभा में आपको दुबला पतला-गुरिल्ला बताया है।’

लिंकन बोले, ‘मुझे पता है, समाचारपत्र में पढ़ा था।’ उसने लिंकन को भड़काने के लिहाज से कहा, ‘इससे पहले भी एक सभा में उसने आपको बहुरूपिया कहा था।’ लिंकन बोले, ‘वह भी मुझे पता है।’

दोस्त अब नाराज होकर बोला, ‘जब सब पता है तो उसे रक्षा मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण विभाग क्यों सौंपा?’ लिंकन बोले, ‘वह जैसा भी है लेकिन कुशल प्रशासक है। अपने कार्य को लगन-निष्ठा से पूरा करता है। मुझे ऐसे ही देशभक्त रक्षामंत्री की आवश्यकता है, न कि चापलूस की।’

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