विवादित क्षेत्रों में स्थायी ढांचा बना रहा चीन

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख सेक्टर में कई दौर के बातचीत के बाद भी तनाव जारी है। नई सेटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन कथित तौर पर देपसांग की ओर जाने वाली सड़कों पर इन्फ्रास्ट्रक्चर का काम कर रहा है।

17 अगस्त को जारी अपुष्ट सेटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल के देपसांग सेक्टर में बुनियादी ढांचा में बढ़ोतरी की गई है।

भारत और चीन के बीच तनाव शुरू होने के बाद से तस्वीरें जारी करने वाले ट्विटर पेज @detresfa_ ने ट्वीट कर कहा है, ‘ऐसा लगता है मानो तियानवेंडियन राजमार्ग जो अक्साई चिन में चीन के नियंत्रण में देपसांग मैदानी क्षेत्र की ओर जाता है। इस साल रोडवर्क, चौड़ीकरण और अपग्रेड के दौर से गुजर रहा है।’

बता दें कि तियानवेंडियन हाईवे अक्साई चिन में तियानवेंडियन ऑल-सीजन पोस्ट को देपसांग के मैदानों से जोड़ता है। तियानवेंडियन पोस्ट लद्दाख में भारत की सबसे ऊंची हवाई पट्टी – दौलत बेग ओल्डी से करीब 24 किलोमीटर की दूरी पर है।

स्पूतनिक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चीनी सैनिकों के पिछले साल उन इलाकों में कई स्ट्रक्चर और कैंप बनाए जहां भारत और चीन के बीच मामला गर्मा गया था।

कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह की जानकारी दी गई कि चीनी सैनिक भारतीय सीमा में 15 किलोमीटर अंदर तक घुस आए थे।

भारत सरकार ने इन बातों का खंडन किया था। यह इलाका भारत के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह काराकोरम दर्रे के बहुत नजदीक है।

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