तबेला में तब्दील हो गया पटना कलेक्ट्रेट परिसर
गंगा किनारे इन दिनों बाढ़ पीडितों का आशियाना बना हुआ है। कोई राहत शिविर में शरण लिए हुए है तो कोई गंगा किनारे नाव खड़ी कर रात गुजारने पर मजबूर है।
कहीं पर लोग अपने सगे- संबंधियों के यहां ठहरे हुए हैं। किसी-किसी राहत शिविर में भोजन के लिए अफरा-तफरी मची है तो कई जगहों पर पशुओं की चोट से लोग चिंतित है।
गंगा किनारे स्थित पुराना कलेक्ट्रेट परिसर इन दिनों पशुओं के कारण चारों ओर भरा पड़ा है। कलेक्ट्रेट परिसर में लगभग दो हजार गाय-भैंस हैं, जहां सबलपुर से लोग आए हैं।
सबलपुर के ललन पासवान का कहना है कि 50 पशु नाव से लाते समय गिरकर घायल हो गए हैं। उनके उपचार की सुविधा नहीं है। जहां तहां पशु चिकित्सकों को खोजकर उपचार कराया जा रहा है।
उनकी यह भी शिकायत है कि 12 अगस्त के बाद आपदा शाखा द्वारा पशुओं के चारा नहीं दिया गया है। निजी तौर पर पशुपालकों को खरीदकर खिलाना पड़ रहा है।