सरकार संग बातचीत से पहले किसानों के तेवर सख्त , किसानों ने रखी तीन माँगे

नई दिल्ली:  कृषि कानूनों पर जारी घमासान के बीच आज किसानों और सरकार के बीच सातवें दौर की बैठक होगी। कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले सवा महीने से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों की मांगों पर आज सरकार और किसान यूनियनों के बीच करीब दो बजे विज्ञान भवन में बैठक होगी, जिसमें सरकार की ओर से जहां कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल होंगे, वहीं किसानों की ओर से 40 यूनियन के प्रतिनिधि होंगे। आज दोपहर में होने वाली सरकार और किसानों के बीच बातचीत का एजेंडा क्या होगा, किसान नेता राकेश टिकैत ने बता दिया है। साथ ही किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर आज उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 6 और 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च होगा।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि कई मुद्दों पर चर्चा होनी है। सरकार को समझना चाहिए कि किसानों ने इस आंदोलन को अब अपने दिल से लगा लिया है और कानूनों को निरस्त करने से कम पर वे कुछ नहीं मानेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार के साथ मीटिंग का एजेंडा रहेगा- तीन कृषि क़ानूनों की वापसी, स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू करना और MSP पर कानून।

सरकार के साथ बातचीत से पहले किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के संयुक्त सचिव सुखविंदर एस सब्रा ने सख्त लहजे में कहा कि हमारी मांगें पहले की तरह ही तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी देने की हैं। अगर हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो हम 6 जनवरी को और 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च करेंगे। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल सरकार का नेतृत्व करेंगे, जबकि किसान यूनियन के 40 नेता वार्ता में किसानों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इससे पहले 30 दिसंबर को किसानों और केंद्र के बीच छठे दौर की वार्ता हुई थी जहां कुछ चीजों लेकर उनकी रजामंदी हुई थी।  पिछली बातचीत में सरकार ने किसानों की दो बातें मान ली थी- बिजली संशोधन विधेयक 2020 और पराली जलाना जुर्म नहीं।

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