केजीएमयू के नए कुलपति ने बनाया एक्‍शन प्‍लान, कहा- लापरवाह अफसर हटेंगे हर विभाग के तय होंगे लक्ष्य

केजीएमयू के नए कुलपति ले. जनरल डॉ. विपिन पुरी ने सोमवार से कमान संभाल ली है। पिछले 48 घंटे में उन्होंने डॉक्टरों संग कई बैठकें कीं। अधिकारियों से संस्थान के कार्यों का इनपुट जुटाया। इसके बाद तीसरे दिन भविष्य की योजनाओं को लेकर मीडिया से रूबरू हुए। मरीजों के इलाज, शोध कार्य, शैक्षणिक व प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में उन्‍होंने स्टेम सेल थेरेपी शुरू करने का जहां दावा कियाही, वहींं ऑर्गन ट्रांसप्लांट को भी बढ़ावा देने का एलान किया। पेश हैं बातचीत के कुछ अंश…

प्रश्न : कार्यभार ग्रहण किए तीसरा दिन है। वर्तमान में आपकी क्या प्राथमिकताएं हैं।

उत्तर : कोरोना से निपटना वर्तमान की प्राथमिकता है। समय पर कोरोना मरीजों की जांच व बेहतर इलाज हो सके, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। अगस्त के अंत तक लिंब सेंटर में कोविड अस्पताल शुरू कर दिया जाएगा।

प्रश्न : आम मरीजों को समय पर इलाज कैसे मिलेगा, साथ ही संस्थान में सस्ती दवाएं कैसे उपलब्ध कराएंगे।

उत्तर : कैंपस के बाहर कोविड का नया अस्पताल बन जाने पर नॉन कोविड मरीजों की सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी। संस्थान में ही मरीज को सस्ती दर पर दवाएं उपलब्ध हों, इसके लिए जल्द ही जिम्मेदारों संग बैठक होगी। इसमें दवा उपलब्धता की रणनीति बनाएंगे।

प्रश्न : संस्थान के टेंडर लिस्ट में सस्ती दवाएं हैं, मगर करोड़ों का लोकल पर्चेज कर महंगी दवाएं खरीदी जा रही हैं। इस पर कैसे अंकुश लगाएंगे।

उत्तर : सभी विभागाध्यक्षों से आवश्यक दवाओं की लिस्ट मांगी जाएगी। यह टेंडर के जरिए सस्ती दवाएं संस्थान में उपलब्ध कराई जाएंगी। इमरजेंसी कंडीशन में ही लोकल पर्चेज की अनुमति होगी। बेवजह की खरीद पर रोक लगेगी। दवा खरीद प्रक्रिया की समीक्षा करूंगा।

प्रश्न : ट्रॉमा सेंटर हो या कोरोना वार्ड, यहां सीनियर डॉक्टर के अनुपस्थित की शिकायतें रहती हैं। इनकी मौजूदगी कैसे कराएंगे।

उत्तर : सीनियर डॉक्टरों को भी मरीजों के प्रति गंभीर रहना होगा। मरीज के इलाज में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी तय करने के लिए शीघ्र ही नीति बनाएंगे।

प्रश्न : नेशनल रैंकिंग में केजीएमयू गत वर्षों में लुढ़कर पांच से दस नंबर पर आ गया है। रैकिंग सुधारने के क्या योजनाएं हैं।

उत्तर : केजीएमयू को टॉप लेवल पर ले जाने का लक्ष्य है। इसके लिए मेडिकल एजुकेशन, ग्लोबल लेवल की रिसर्च को बढ़ावा, पेशेंट केयर व आउट रीच प्रोग्राम पर फोकस करना होगा।

प्रश्न : क्या जिन अफसरों के दौर में रैंकिंग लुढ़की है, उन्हीं पर भरोसा जताएंगे। या फिर अपनी नई प्रशासनिक टीम बनाएंगे।

उत्तर : मेरा मकसद संस्थान को शिखर पर पहुंचाना है। हर विभाग के डॉक्टर के गोल तय होंगे। उन्हेंं दिए गए कार्यों का तय समय पर आकलन होगा। वहीं प्रशासनिक टीम में जो ऊर्जावान, सकारात्मक व मेहनती लोग होंगे, उनके कार्यों की भी मॉनीटङ्क्षरग होगी। लापरवाह या कार्य करने में अक्षम लोगों को बदला जाएगा।

प्रश्न : संस्थान में करीब 75 विभाग कागजों पर हैं। सिर्फ 55 ही चल रहे हैं। गत वर्षों में कई पर ताला पड़ गया है। इन्हेंं कैसे शुरू करेंगे।

उत्तर : विभागवार चिकित्सकों के रिक्त पदों का ब्योरा तलब किया जाएगा। बंद विभाग जल्द शुरू होंगे। इनमें मरीजों के इलाज के साथ-साथ नए कोर्सों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

प्रश्न : सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं के विस्तार हो लेकर क्या प्लान है, जिससे मरीजों को दिल्ली व अन्य शहरों की दौड़भाग से छुटकारा मिले।

उत्तर : स्टेमसेल थेरेपी से इलाज शुरू किया जाएगा। किडनी ट्रांसप्लांट, हार्ट ट्रांसप्लांट पर काम किया जाएगा। वहीं बोन मैरो ट्रांसप्लांट-लिवर ट्रांसप्लांट को भी बढ़ाया दिया जाएगा।

4.8 फीसद करोना से पॉजिटिव

कुलपति ने कहा कि केजीएमयू में तीन लाख कोरोना टेस्ट हुए हैं। इस दौरान 4.8 फीसद मरीज पॉजिटिव पाए गए। उन्होंने कहा कि देश में संक्रमण की दर 8.9 फीसद है, ऐसे में यहां की स्थिति अभी बेहतर है। उन्होंने कोरोना से ठीक होने के बाद मरीजों में आने वाली बीमारियों के इलाज को लेकर भी जल्द प्लान बनाने का दावा किया। वहीं, इमरजेंसी के मरीजों की समय पर जांच व इलाज की व्यवस्था भी सुधारने की बात कही है।

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