जानें क्या कारण था की भगवन राम को अपने ही पुत्र से करना पड़ा युद्ध
भगवान राम और उनके पुत्र लव-कुश के बीच भयंकर युद्ध हुआ था। इसके अलावा आज हम आपको इसके पीछे की पौराणिक कहानी को बताएंगे। इसके साथ ही उस पूरी कथा को भी बताएंगे जिसमें राम ने रावन का वध करने के बाद सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या चले आये थे परन्तु अयोध्या से आने के कुछ समय बाद ही भगवान राम ने अयोध्या के प्रजा को विश्वास दिलाने के लिए माता सीता की अग्नि परीक्षा ली थी और मां सीता इस अग्नि को अपनी पवित्रता के बल पर प्रमाण दिया था
अयोध्या लौटने पर भगवान श्री राम ने वहां का राज सिहसन को संभाला परन्तु कुछ परिस्थितियों के कारण भगवान राम को माता सीता का त्याग करना पड़ गया था। वहीं इसी कारण से माता सीता से दूर होने के कुछ सालों बाद ही भगवान राम ने अपना एक अश्वमेघ का घोड़ा छोड़ा। इसके साथ ही जो कि दुनिया पर जीत होने का प्रमाण माना जाता था। ऐसा माना जाता है की उस समय इसको रोकने का साहस किसी में भी नहीं थी। इसके साथ ही भगवान राम का घोड़ा लगभग दुनिया का भ्रमण कर चुका था परन्तु लव और कुश जो कि भगवान राम और मां सीता के पुत्र थे, उन्होंने उसको रोकने का साहस किया था। इतना ही नहीं दोनों भाइयों ने उसे बंदी भी बना लिया।
इस बात से भगवान राम पूरी तरह से अनजान थे परन्तु जब उन्हें इस बात का पता चला तो उन्होंने अश्व को लव और कुश से छुराने के लिए लक्ष्मण को सेना के साथ भेजा लेकिन लव और कुश ने सब को हरा दिया। उसके कुछ समय बाद ही भगवान राम ने हनुमान को भी भेजा तो लव और कुश ने हनुमान जी को भी बंदी बना लिया। इसके अलावा जब यह बात भगवान राम को पता चली तो भगवान श्रीराम खुद लव और कुश से युद्ध करने के लिए वहां पर पहुंच गए। वहीं इस युद्ध की आशंका से सृष्टि के सारे देवी देवता चिंतित हो गए। भगवान राम और उनके पुत्रों के बीच भयंकर युद्ध होने लगा। वहीं इतने माता सीता वहां पर आ गई और उन्होंने भगवान राम को बताया कि लव और कुश उनके ही पुत्र हैं। इसके साथ ही यह सुनकर भगवान राम को बहुत दुख हुआ और लव और कुश को अपने पिता से मिलकर बहुत प्रसन्नता हुई।